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मनमानी फीस वसूल करने वाले निजी स्कूलों को हड़ताल का अधिकार नहीं: HC - हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की हड़ताल पर की टिप्पणी

एमपी में निजी स्कूलों की हड़ताल के खिलाफ लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि मनमानी फीस वसूलने वाले निजी स्कूलों को हड़ताल का अधिकार नहीं है.

मनमानी फीस वसूल करने वाले निजी स्कूलों को हड़ताल का अधिकार नहीं
मनमानी फीस वसूल करने वाले निजी स्कूलों को हड़ताल का अधिकार नहीं
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Published : Jul 19, 2021, 8:33 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश के निजी स्कूलों की हड़ताल पर हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है. स्कूलों की हड़ताल को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि मनमानी फीस वसूलने वाले निजी स्कूलों को हड़ताल का अधिकार नहीं है. इस मामले में 27 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने सरकार को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने लगाई थी याचिका

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव की तरफ से याचिका दायर की थी. इस याचिका में कहा गया था उनकी ओर से निजी स्कूल एसोसिएशन को नोटिस जारी कर 12 जुलाई से प्रस्तावित हड़ताल को 48 घंटे में हड़ताल वापस लेने कहा गया था. आवेदकों का कहना है कि न्यायालय ने अपने 4 नवंबर 2020 के आदेश में स्पष्ट किया है कि जब तक कोरोना महामारी को समाप्त घोषित नहीं कर दिया जाता, तब तक ट्यूशन फीस के अतिरिक्त कोई अन्य फीस लेना या वृद्धि नहीं करना चाहिये.

सरकार के फैसले के खिलाफ HC जाएंगे निजी स्कूल संचालक, स्कूली शिक्षा मंत्री बोले- नहीं झुकेगी सरकार

HC के आदेश के बाद भी हड़ताल

याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी निजी स्कूल हड़ताल पर जाने को आमादा है, जिस पर उनकी हड़ताल को अवैधानिक घोषित किये जाने के लिे हाईकोर्ट की शरण ली गई है. हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को निर्धारित की है. 27 जुलाई को सरकार हाईकोर्ट में अपना पक्ष रख सकती है.

जबलपुर। मध्य प्रदेश के निजी स्कूलों की हड़ताल पर हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है. स्कूलों की हड़ताल को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि मनमानी फीस वसूलने वाले निजी स्कूलों को हड़ताल का अधिकार नहीं है. इस मामले में 27 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने सरकार को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने लगाई थी याचिका

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव की तरफ से याचिका दायर की थी. इस याचिका में कहा गया था उनकी ओर से निजी स्कूल एसोसिएशन को नोटिस जारी कर 12 जुलाई से प्रस्तावित हड़ताल को 48 घंटे में हड़ताल वापस लेने कहा गया था. आवेदकों का कहना है कि न्यायालय ने अपने 4 नवंबर 2020 के आदेश में स्पष्ट किया है कि जब तक कोरोना महामारी को समाप्त घोषित नहीं कर दिया जाता, तब तक ट्यूशन फीस के अतिरिक्त कोई अन्य फीस लेना या वृद्धि नहीं करना चाहिये.

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HC के आदेश के बाद भी हड़ताल

याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी निजी स्कूल हड़ताल पर जाने को आमादा है, जिस पर उनकी हड़ताल को अवैधानिक घोषित किये जाने के लिे हाईकोर्ट की शरण ली गई है. हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को निर्धारित की है. 27 जुलाई को सरकार हाईकोर्ट में अपना पक्ष रख सकती है.

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