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इस वजह से जेल से भाग पाना कैदियों की लिए होगा नामुमकिन

केंद्रीय जेलों की चार दीवारें इलेक्ट्रिक वायरिंग से लैस हो रही हैं. जबलपुर की सेंट्रल जेल सुरक्षा कवच से लैस होने वाली मध्य प्रदेश की पहली केंद्रीय जेल होगी.

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Published : Mar 25, 2019, 3:42 PM IST

नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय जेल

जबलपुर। मध्य प्रदेश की तमाम केंद्रीय जेलों की चार दीवारें इलेक्ट्रिक वायरिंग से लैस हो रही हैं. इसकी शुरूआत जबलपुर स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय जेल से हो गई है. कुछ दिनों में जबलपुर की सेंट्रल जेल सुरक्षा कवच से लैस होने वाली मध्य प्रदेश की पहली केंद्रीय जेल होगी और प्रदेश की जेलों की सुरक्षा को लांघ पाना अब कैदियों के बस की बात नहीं रहेगी.

नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय जेल


प्रदेश की राजधानी की केंद्रीय जेल से 2016 में सिमी आतंकियों के भागने के बाद से जेल विभाग की ऐसी तरकीब लगा रहा था, जिसमें जेल से कैदियों के भागने पर रोक लग सके. कैदियों की रोक के लिए विभाग अब प्रदेश की हर जेलों की दीवारों पर बिजली दौड़ाने की तैयारी में लग गई है. जबलपुर केन्द्रीय जेल के 50 एकड़ में फैली इस जेल की दीवारों में इलेक्ट्रॉनिक वायरों की फेंसिंग की जा रही है, जिसकी कीमत करीब 50 लाख से ज्यादा की है.


केन्द्रीय जेल के वरिष्ठ अधीक्षक गोपाल ताम्रकार ने बताया कि 2016 में भोपाल केंद्रीय जेल में सिमी आतंकियों की जेल ब्रेक घटना के बाद से प्रदेश की सभी जिलों का सिक्योरिटी ऑडिट किया गया था जिसमें जिलों में इलेक्ट्रिक वायर फेंसिंग का सुझाव स्वीकृत हुआ. बता दें कि जबलपुर की केंद्रीय जेल में 2200 कैदियों की क्षमता है जबकि अभी जेल में करीब 2400 से ज्यादा कैदी सजा काट रहे हैं. खास बात यह है कि इस इलेक्ट्रिक फेंसिंग को छूने से कैदी को जोर का झटका लगेगा जिससे वह बदहवास हो जाएगा. लेकिन, उसकी जान को कोई खतरा नहीं होगा.

जबलपुर। मध्य प्रदेश की तमाम केंद्रीय जेलों की चार दीवारें इलेक्ट्रिक वायरिंग से लैस हो रही हैं. इसकी शुरूआत जबलपुर स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय जेल से हो गई है. कुछ दिनों में जबलपुर की सेंट्रल जेल सुरक्षा कवच से लैस होने वाली मध्य प्रदेश की पहली केंद्रीय जेल होगी और प्रदेश की जेलों की सुरक्षा को लांघ पाना अब कैदियों के बस की बात नहीं रहेगी.

नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय जेल


प्रदेश की राजधानी की केंद्रीय जेल से 2016 में सिमी आतंकियों के भागने के बाद से जेल विभाग की ऐसी तरकीब लगा रहा था, जिसमें जेल से कैदियों के भागने पर रोक लग सके. कैदियों की रोक के लिए विभाग अब प्रदेश की हर जेलों की दीवारों पर बिजली दौड़ाने की तैयारी में लग गई है. जबलपुर केन्द्रीय जेल के 50 एकड़ में फैली इस जेल की दीवारों में इलेक्ट्रॉनिक वायरों की फेंसिंग की जा रही है, जिसकी कीमत करीब 50 लाख से ज्यादा की है.


केन्द्रीय जेल के वरिष्ठ अधीक्षक गोपाल ताम्रकार ने बताया कि 2016 में भोपाल केंद्रीय जेल में सिमी आतंकियों की जेल ब्रेक घटना के बाद से प्रदेश की सभी जिलों का सिक्योरिटी ऑडिट किया गया था जिसमें जिलों में इलेक्ट्रिक वायर फेंसिंग का सुझाव स्वीकृत हुआ. बता दें कि जबलपुर की केंद्रीय जेल में 2200 कैदियों की क्षमता है जबकि अभी जेल में करीब 2400 से ज्यादा कैदी सजा काट रहे हैं. खास बात यह है कि इस इलेक्ट्रिक फेंसिंग को छूने से कैदी को जोर का झटका लगेगा जिससे वह बदहवास हो जाएगा. लेकिन, उसकी जान को कोई खतरा नहीं होगा.

Intro:जबलपुर
प्रदेश की जेलो की सुरक्षा को लांघ पाना अब कैदियों के बस की बात नहीं रहेगी।अगर कोई भी कैदी जेल की चार दीवारों को लांघने का प्रयास भी करेगा तो उसे बिजली के झटके झेलने होंगे। मध्य प्रदेश की तमाम केंद्रीय जेलों की चार दीवारे इलेक्ट्रिक वायरिंग से लैस हो रही है जिसकी शुरुआत जबलपुर स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय जेल से हो गई है।कुछ दिनों में जबलपुर की सेंट्रल जेल सुरक्षा कवच से लेश होने वाली मध्यप्रदेश की पहली केंद्रीय जेल होगी।


Body:मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की केंद्रीय जेल से 2016 में सिमी आतंकियों के भागने के बाद से जेल विभाग की ऐसी तरकीब लगा रहा था जिसमे की जेल से कैदियों के भागने पर रोक लग सके।कैदियों की रोक के लिए विभाग अब प्रदेश की हर जेलों की दीवारों पर बिजली दौड़ाने की तैयारी में लग गई है।जबलपुर केन्द्रीय जेल के 50 एकड़ में फैली इस जेल की दीवारों में इलेक्ट्रॉनि वायरों की फेंसिंग की जा रही है।जिसकी कीमत करीब 50 लाख से ज्यादा की है।केन्द्रीय जेल के वरिष्ठ अधीक्षक गोपाल ताम्रकार ने बताया कि 2016 में भोपाल केंद्रीय जेल में सिमी आतंकियों की जेल ब्रेक घटना के बाद से प्रदेश की सभी जिलों का सिक्योरिटी ऑडिट किया गया था जिसमें जिलों में इलेक्ट्रिक वायर फेंसिंग का सुझाव स्वीकृत हुआ।


Conclusion:हम आपको बता दे कि जबलपुर की केंद्रीय जेल में 2200 कैदियों की क्षमता है जबकि अभी जेल में करीब 24:00 सौ से ज्यादा कैदी सजा काट रहे हैं खास बात यह है कि इस इलेक्ट्रिक फेंसिंग को छूने से टेडी को जोर का झटका लगेगा जिससे वह बदहवास हो जाएगा लेकिन उसकी जान को कोई खतरा नहीं होगा।
बाईट.1-गोपाल ताम्रकार..... वरिष्ठ जेल अधीक्षक

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