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'संस्कारधानी' के 200 एकड़ तालाबों में खिले कमल, अनुदान की बाट जोह रहे किसान - ईटीवी भारत

जबलपुर में हर साल बड़ी संख्या में कमल के फूल की पैदावार होती है. इस साल भी जिले में करीब 200 एकड़ पर कमल खिले हैं. सिंघाड़े की भी बंपर पैदावार हुई है.

lotus farming
कमल की खेती
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Published : Nov 1, 2021, 8:53 PM IST

Updated : Nov 2, 2021, 10:49 PM IST

जबलपुर। जबलपुर में खुशनुमा मौसम के बीच जिले के तालाब पोखरों में गुलाबी कमल दीपावली पूजन में माता लक्ष्मी के लिए तैयार है. कई तालाबों में सामान्य से ज्यादा बड़े कमल खिले हुए हैं. कमल के हिसाब से किसानों को पुष्प की कीमत 10 से 20 रुपए तक मिल जाती है. संस्कारधानी की बात करें, तो यहां इस साल 200 एकड़ में कमल खिले हुए हैं. वहीं पूरे महाकौशल में सिंघाड़े की भी काफी बड़ी तादाद में खेती होती है. उत्पादन और बढ़ाने के लिए किसानों ने सरकार से मदद की मांग की है.

जिले में करीब 200 एकड़ पर कमल खिले हैं.

कमल की फसल के लिए सरकार से मदद नहीं
समूचे महाकौशल में कमल के अलावा सिंघाड़े का बड़े स्तर पर उत्पादन होता है. जानकारों का कहना है कि कमल और सिंघाड़े की बड़े स्तर पर खेती हो सकती है, लेकिन उत्पादकों को सरकारी योजनाओं में किसी प्रकार की मदद नहीं मिल रही है. जिसके कारण कमल की खेती का रकबा नहीं बढ़ रहा है. कमल के किसानों को कमल गट्टा, मखाना से बड़े स्तर पर लाभ हो सकता है.

सरकार से अनुदान की मांग
किसान बताते हैं कि सिंघाड़े-कमल की खेती में बहुत मेहनत होती है. ऐसे में जरा-सी लापरवाही से नुकसान पहुंच सकता है. किसानों की मांग है कि सरकार से अगर अनुदान मिल जाए तो कमल-सिंघाड़े की खेती को बढ़ाया जा सकता है. इधर विभागीय अधिकारी का कहना है कि सरकार जिले में कमल-सिंघाड़े का उत्पाद बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रही है.

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यह है कमल की मौजूदा स्थिति

  • 200 एकड़ में खिले हैं कमल
  • 150 तालाब में आंशिक रूप से होती है खेती
  • 250 किसान जुड़े है फसल से

सिंघाड़े और कमल के लिए भरपूर संभावना

  • 3 हजार से ज्यादा छोटे-बड़े तालाब
  • 3 हजार हेक्टेयर से ज्यादा है रकबा
  • 2 हजार एकड़ से ज्यादा है सिंघाड़ा का रकबा
  • 2500 के लगभग किसान करते हैं सिंघाड़ा की खेती

जबलपुर। जबलपुर में खुशनुमा मौसम के बीच जिले के तालाब पोखरों में गुलाबी कमल दीपावली पूजन में माता लक्ष्मी के लिए तैयार है. कई तालाबों में सामान्य से ज्यादा बड़े कमल खिले हुए हैं. कमल के हिसाब से किसानों को पुष्प की कीमत 10 से 20 रुपए तक मिल जाती है. संस्कारधानी की बात करें, तो यहां इस साल 200 एकड़ में कमल खिले हुए हैं. वहीं पूरे महाकौशल में सिंघाड़े की भी काफी बड़ी तादाद में खेती होती है. उत्पादन और बढ़ाने के लिए किसानों ने सरकार से मदद की मांग की है.

जिले में करीब 200 एकड़ पर कमल खिले हैं.

कमल की फसल के लिए सरकार से मदद नहीं
समूचे महाकौशल में कमल के अलावा सिंघाड़े का बड़े स्तर पर उत्पादन होता है. जानकारों का कहना है कि कमल और सिंघाड़े की बड़े स्तर पर खेती हो सकती है, लेकिन उत्पादकों को सरकारी योजनाओं में किसी प्रकार की मदद नहीं मिल रही है. जिसके कारण कमल की खेती का रकबा नहीं बढ़ रहा है. कमल के किसानों को कमल गट्टा, मखाना से बड़े स्तर पर लाभ हो सकता है.

सरकार से अनुदान की मांग
किसान बताते हैं कि सिंघाड़े-कमल की खेती में बहुत मेहनत होती है. ऐसे में जरा-सी लापरवाही से नुकसान पहुंच सकता है. किसानों की मांग है कि सरकार से अगर अनुदान मिल जाए तो कमल-सिंघाड़े की खेती को बढ़ाया जा सकता है. इधर विभागीय अधिकारी का कहना है कि सरकार जिले में कमल-सिंघाड़े का उत्पाद बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रही है.

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यह है कमल की मौजूदा स्थिति

  • 200 एकड़ में खिले हैं कमल
  • 150 तालाब में आंशिक रूप से होती है खेती
  • 250 किसान जुड़े है फसल से

सिंघाड़े और कमल के लिए भरपूर संभावना

  • 3 हजार से ज्यादा छोटे-बड़े तालाब
  • 3 हजार हेक्टेयर से ज्यादा है रकबा
  • 2 हजार एकड़ से ज्यादा है सिंघाड़ा का रकबा
  • 2500 के लगभग किसान करते हैं सिंघाड़ा की खेती
Last Updated : Nov 2, 2021, 10:49 PM IST
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