जबलपुर। मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस ने सबसे पहले दस्तक जबलपुर में दी थी. 20 मार्च को थाईलैंड और दुबई से आए एक अग्रवाल दंपत्ति की वजह से शुरुआती 8 लोग कोरोना वायरस के पॉजिटिव पाए गए थे. देश में लॉक डाउन 22 मार्च से लगा था, लेकिन जबलपुर में 20 मार्च से ही लॉकडाउन शुरु हो गया था. लेकिन शुरुआत में जबलपुर प्रशासन ने इस महामारी से निपटने के लिए बेहतर प्रयास किए थे, जिसकी तारीफ सूबे के मुखिया समेत कई लोगों ने की है.
कैसे बढ़े जबलपुर में इतने मरीज
लेकिन जैसे ही लॉक डाउन 2 चालू हुआ तो जबलपुर की हालत बिगड़ना शुरू हो गई. जबलपुर के सर्राफा इलाके से 2 परिवारों के करीब 15 लोग एक साथ कोरोना वायरस के पॉजिटिव पाए गए. इसके बाद प्रशासन की लापरवाही की वजह से एक कोरोना वायरस पॉजिटिव महिला का अंतिम संस्कार चांदनी चौक इलाके में करा दिया गया, जिसके चलते दो दर्जन से ज्यादा लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव हो गए. इसके अलावा कुछ और ऐसे लोग जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है, उन्होंने शहर के अलग-अलग इलाकों में कोरोना वायरस फैलाना शुरू कर दिया.
ऐसे बढ़ी शहर में कोरोना की रफ्तार
इसके बाद लॉकडाउन 2 में ही जबलपुर की हालत और बिगड़ना शुरू हो गई अभी तक आम लोग ही कोरोना वायरस के पॉजिटिव पाए जा रहे थे, लेकिन सनसनी तब पहली बार फैल गई, जब जबलपुर गढ़ा जोन के सीएसपी कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए. इसके बाद कुछ एक और पुलिसकर्मी भी संक्रमण के शिकार हुए, और फिर ये सिलसिला जारी रहा. इसी दौरान जबलपुर नगर निगम के दो इंजीनियर और कुछ कर्मचारी भी कोरोना से संक्रमित पाए गए.
लॉकडाउन 3.0 की शुरूआत
अब सोमवार से लॉकडाउन 3 शुरू हुआ है. और इसकी शुरुआत बेहद खतरनाक है, क्योंकि जबलपुर के 2 संवेदनशील इलाके सर्वोदय बस्ती में कोरोना वायरस के 4 मरीज पाए गए हैं. सर्वोदय बस्ती और चांदनी चौक दो ऐसे इलाके हैं, जहां जबलपुर का सबसे घनी आबादी रहती है. चांदनी चौक के परिणाम तो लोगों के सामने आ गए हैं. यदि सर्वोदय बस्ती में भी इसी तरीके से संक्रमण फैला तो ना संस्कारधानी के हालत काफी ज्यादा बिगड़ सकते हैं.