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जबलपुरः आजाद होगा सिमी या जारी रहेगा प्रतिबंध, प्राधिकरण करेगा फैसला

स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध जारी रहेगा. विधि विरुद्ध क्रियाकलाप प्राधिकरण की अध्यक्ष और दिल्ली हाई कोर्ट की जज मुक्ता गुप्ता जबलपुर में एक अस्थाई अदालत बनाकर सिमी से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही हैं.

आजाद होगा सिमी या जारी रहेगा प्रतिबंध
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Published : May 26, 2019, 5:50 PM IST

जबलपुर| स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से कोई व्यक्ति जुड़ा है, या इससे जुड़ी कोई गतिविधि कर रहा है तो वह गैरकानूनी माना जाता है. सिमी पर लगे प्रतिबंध को जारी रखने या खत्म करने को लेकर एक ट्रिब्यूनल बना है, जो सिमी से जुड़ी गतिविधियों को सुनता है, उसके बाद उनकी गतिविधियों का परीक्षण करने के बाद तय करता है कि इस संगठन पर प्रतिबंध जारी रहना चाहिए या हटाना चाहिए.

विधि विरुद्ध क्रियाकलाप प्राधिकरण की अध्यक्ष और दिल्ली हाई कोर्ट की जज मुक्ता गुप्ता जबलपुर पहुंची. जबलपुर में एक अस्थाई अदालत बनाकर सिमी से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई की जा रही है. इस अदालत में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारी जिन्होंने सिमी से जुड़े मामलों की जांच की है, उन्हें बुलाया गया है. इसमें खंडवा में सिमी कार्यकर्ताओं की जेल से भागने की घटना और खंडवा में ही सिमी कार्यकर्ताओं के एनकाउंटर के मामले भी शामिल हैं.

आजाद होगा सिमी या जारी रहेगा प्रतिबंध

इन मामलों से जुड़े पुलिस अधिकारियों ने प्राधिकरण के सामने अपनी फाइल पेश की. साथ ही मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई छोटे-छोटे मामले भी सामने आए हैं. इसके अलावा आम जनता से भी अपील की गई है कि यदि उनके पास सिमी से जुड़ी कोई जानकारी है तो वो प्राधिकरण के सामने रख सकते हैं.

बता दें, सिमी पर पहले 2 साल का प्रतिबंध था. हर 2 साल में इसे बढ़ाया जाता है, लेकिन अब इसको 5 साल तक के लिए बढ़ा दिया गया है. प्राधिकरण सिमी से जुड़े तथ्यों को इकट्ठा करने के बाद ये तय करेगा कि प्रतिबंध जारी रहना चाहिए या इसे खत्म कर देना चाहिए. फिलहाल जो जानकारियां मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से प्राधिकरण के सामने आई हैं, उनसे प्रतिबंध समाप्त होने की संभावना कम ही लग रही है.

जबलपुर| स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से कोई व्यक्ति जुड़ा है, या इससे जुड़ी कोई गतिविधि कर रहा है तो वह गैरकानूनी माना जाता है. सिमी पर लगे प्रतिबंध को जारी रखने या खत्म करने को लेकर एक ट्रिब्यूनल बना है, जो सिमी से जुड़ी गतिविधियों को सुनता है, उसके बाद उनकी गतिविधियों का परीक्षण करने के बाद तय करता है कि इस संगठन पर प्रतिबंध जारी रहना चाहिए या हटाना चाहिए.

विधि विरुद्ध क्रियाकलाप प्राधिकरण की अध्यक्ष और दिल्ली हाई कोर्ट की जज मुक्ता गुप्ता जबलपुर पहुंची. जबलपुर में एक अस्थाई अदालत बनाकर सिमी से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई की जा रही है. इस अदालत में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारी जिन्होंने सिमी से जुड़े मामलों की जांच की है, उन्हें बुलाया गया है. इसमें खंडवा में सिमी कार्यकर्ताओं की जेल से भागने की घटना और खंडवा में ही सिमी कार्यकर्ताओं के एनकाउंटर के मामले भी शामिल हैं.

आजाद होगा सिमी या जारी रहेगा प्रतिबंध

इन मामलों से जुड़े पुलिस अधिकारियों ने प्राधिकरण के सामने अपनी फाइल पेश की. साथ ही मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई छोटे-छोटे मामले भी सामने आए हैं. इसके अलावा आम जनता से भी अपील की गई है कि यदि उनके पास सिमी से जुड़ी कोई जानकारी है तो वो प्राधिकरण के सामने रख सकते हैं.

बता दें, सिमी पर पहले 2 साल का प्रतिबंध था. हर 2 साल में इसे बढ़ाया जाता है, लेकिन अब इसको 5 साल तक के लिए बढ़ा दिया गया है. प्राधिकरण सिमी से जुड़े तथ्यों को इकट्ठा करने के बाद ये तय करेगा कि प्रतिबंध जारी रहना चाहिए या इसे खत्म कर देना चाहिए. फिलहाल जो जानकारियां मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से प्राधिकरण के सामने आई हैं, उनसे प्रतिबंध समाप्त होने की संभावना कम ही लग रही है.

Intro:प्रतिबंधित संगठन सिमी पर प्रतिबंध जारी रहेगा या खत्म किया जाएगा जबलपुर में हुई विधि विरुद्ध क्रियाकलाप प्राधिकरण की सुनवाई सिमी से जुड़े तमाम मामलों की फ़ाइलें प्राधिकरण के पास जमा की गई 2 दिनों तक होगी सुनवाई


Body:जबलपुर स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया मतलब सिमी पर प्रतिबंध है यदि कोई व्यक्ति इस संगठन से जुड़ा हुआ है या कोई गतिविधि कर रहा है तो वह गैरकानूनी माना जाता है सिमी पर लगे प्रतिबंध को जारी रखने या खत्म करने को लेकर एक ट्रिब्यूनल बना हुआ है जो सिमी से जुड़ी गतिविधियों को सुनता है उसके बाद एक गतिविधियों का परीक्षण किया जाता है और उसके बाद यह तय किया जाता है कि यह संगठन पर प्रतिबंध लगा रहना चाहिए या उसको हटा दिया जाना चाहिए

जबलपुर में आज विधि विरुद्ध क्रियाकलाप प्राधिकरण के अध्यक्ष और दिल्ली हाई कोर्ट की जज मुक्ता गुप्ता जबलपुर आई और जबलपुर की कलचुरी होटल में एक अस्थाई अदालत बनाकर इस पूरे मामले की सुनवाई की जा रही है इसमें मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारी जिन्होंने सिमी से जुड़े मामलों की जांच की है वह को बुलाया गया है इसमें खंडवा मैं सिमी कार्यकर्ताओं की जेल से भागने की घटना और खंडवा में ही सिमी कार्यकर्ताओं के एनकाउंटर के मामले भी शामिल है इन मामलों से जुड़े पुलिस अधिकारियों ने प्राधिकरण के सामने अपनी फाइल पेश की है इसके साथ ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई छोटे-छोटे मामले भी सामने आए हैं जिनमें आईएसआईएस का झंडा मिलना और दूसरी गतिविधियां शामिल है इनके बारे में भी प्राधिकरण के सामने सपूत और जांच रिपोर्ट पेश की गई है

इसके अलावा आम जनता से भी अपील की गई है यदि उनके पास सिमी से जुड़े कोई जानकारी है तो वे प्राधिकरण के सामने दे सकते हैं या कोई संगठन पर प्रतिबंध हटाने की मांग करना चाहता है तो वह भी अपने तथ्यों के आधार पर प्राधिकरण के सामने आ सकता है जबलपुर में एक शख्स पहुंचा था जो इस प्रतिबंध को गलत मान रहा था उसे प्राधिकरण के सामने अपनी बात कहने का मौका मिला लेकिन उसके पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं थी और ना ही कोई पुख्ता आधार था इसलिए उसकी बात खारिज कर दी गई

सिमी पर पहले 2 साल का प्रतिबंध था हर 2 साल में यह बढ़ता जा रहा था लेकिन अब इसको 5 साल तक के लिए बढ़ा दिया गया है प्राधिकरण सिमी से जुड़े तथ्यों को इकट्ठा करने के बाद यह तय करेगा कि यह प्रतिबंध जारी रहना चाहिए या फिर इसको खत्म कर देना चाहिए फिलहाल जो जानकारियां मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से प्राधिकरण के सामने आई हैं उनसे प्रतिबंध समाप्त होने की संभावना कम ही लग रही है इसके बाद प्राधिकरण केरल जाएगा और केरल में भी इसी तरीके की सुनवाई की जाएगी


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