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नारी शक्ति को बढ़ावा देने के लिए रेलवे की अनूठी पहल, इस रेलवे स्टेशन की कमान महिलाओं के हाथ

जबलपुर के मदन महल रेलवे स्टेशन की जिम्मेदारी पूरी तरह से महिलाओं को दे दी गयी है. यहां ट्रेन चलाने से लेकर स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, टिकट चेकर और सुरक्षाकर्मी तक सभी महिलाएं है. इसके साथ ही मदन महल रेलवे स्टेशन प्रदेश का पहला ऐसा स्टेशन बन गया है, जिसको संभालने की पूरी जिम्मेदारी अब महिलाओं की है. रेलवे के इस कदम को महिला सशक्तिकरण की दिशा में अच्छा कदम माना जा रहा है.

मदन महल रेलवे स्टेशन
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Published : Mar 8, 2019, 3:27 PM IST

जबलपुर। शहर में बने मदन महल रेल्वे स्टेशन अब पूरी तरह से पिंक स्टेशन बन चुका है. क्योंकि इस स्टेशन को संभालने की पूरी कमान अब महिलाओं के हाथों में आ चुकी है. जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. यहां टिकट कलेक्टर से लेकर स्टेशन की सुरक्षाकर्मी तक सभी महिलाएं हैं. इसके साथ ही मदन महल स्टेशन प्रदेश का पहला ऐसा स्टेशन बन गया है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी अब महिलाएं संभालेगी.

बता दे कि मदन महल रेलवे स्टेशन जबलपुर का व्यस्ततम स्टेशन माना जाता है. जहां दिनभर गाड़ियों की आवाजाही बनी रहती है. ऐसे में इस स्टेशन की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं को बड़ा कदम माना जा रहा है. स्टेशन मास्टर कॉजल कोस्टा का कहना है कि पूरे स्टेशन का संचालन करने का काम तो कठिन है, पर आज के समय में ऐसा कोई भी काम नहीं बचा है जो महिलाएं न कर सके. इसलिए स्टेशन को संभालने का काम हम पूरी जिम्मेदारी से करेंगे.

पैकेज

वही स्टेशन की डिप्टी एसएस अंजली बेस का कहना है कि रेलवे का काम शिफ्ट वाला काम होता है. इसलिए यदि परिवार साथ ना दे तो यह काम करना बहुत कठिन है. लेकिन, उनका परिवार पिछले कई सालों से उनका बखूबी साथ निभा रहा है, जिसके चलते उन्हें यह काम करने में आज तक कोई परेशानी नहीं हुई. अंजली फिलहाल गाडरवारा स्टेशन पर कार्यरत थी लेकिन अब वे मदन महस के डिप्टी एसएस की जिम्मेदारी संभालेगी.

मदन महल स्टेशन प्रदेश का ऐसा पहला स्टेशन है, जिसकी जिम्मेदारी अब पूरी तरह स महिलाओं के हाथ में है. स्टेशन पर लगभग सो से अधिक महिलाओं का स्टाफ है. जो दिन-रात यहां पर काम करेगा. स्टेशन की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी आरपीएफ ने महिला पुलिस दल को ही सौंपी है, यहां तक की स्टेशन पर खलासी तक का काम महिलाओं के जिम्मे कर दिया गया है.

जबलपुर। शहर में बने मदन महल रेल्वे स्टेशन अब पूरी तरह से पिंक स्टेशन बन चुका है. क्योंकि इस स्टेशन को संभालने की पूरी कमान अब महिलाओं के हाथों में आ चुकी है. जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. यहां टिकट कलेक्टर से लेकर स्टेशन की सुरक्षाकर्मी तक सभी महिलाएं हैं. इसके साथ ही मदन महल स्टेशन प्रदेश का पहला ऐसा स्टेशन बन गया है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी अब महिलाएं संभालेगी.

बता दे कि मदन महल रेलवे स्टेशन जबलपुर का व्यस्ततम स्टेशन माना जाता है. जहां दिनभर गाड़ियों की आवाजाही बनी रहती है. ऐसे में इस स्टेशन की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं को बड़ा कदम माना जा रहा है. स्टेशन मास्टर कॉजल कोस्टा का कहना है कि पूरे स्टेशन का संचालन करने का काम तो कठिन है, पर आज के समय में ऐसा कोई भी काम नहीं बचा है जो महिलाएं न कर सके. इसलिए स्टेशन को संभालने का काम हम पूरी जिम्मेदारी से करेंगे.

पैकेज

वही स्टेशन की डिप्टी एसएस अंजली बेस का कहना है कि रेलवे का काम शिफ्ट वाला काम होता है. इसलिए यदि परिवार साथ ना दे तो यह काम करना बहुत कठिन है. लेकिन, उनका परिवार पिछले कई सालों से उनका बखूबी साथ निभा रहा है, जिसके चलते उन्हें यह काम करने में आज तक कोई परेशानी नहीं हुई. अंजली फिलहाल गाडरवारा स्टेशन पर कार्यरत थी लेकिन अब वे मदन महस के डिप्टी एसएस की जिम्मेदारी संभालेगी.

मदन महल स्टेशन प्रदेश का ऐसा पहला स्टेशन है, जिसकी जिम्मेदारी अब पूरी तरह स महिलाओं के हाथ में है. स्टेशन पर लगभग सो से अधिक महिलाओं का स्टाफ है. जो दिन-रात यहां पर काम करेगा. स्टेशन की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी आरपीएफ ने महिला पुलिस दल को ही सौंपी है, यहां तक की स्टेशन पर खलासी तक का काम महिलाओं के जिम्मे कर दिया गया है.

Intro:मदन महल पश्चिम मध्य रेलवे का पहला पिंक स्टेशन बना महिला दिवस पर रेलवे ने महिलाओं को दी बड़ी सौगात स्टेशन पर काम करने वाले स्टाफ का कहना पूरी जिम्मेदारी से निभाएंगी काम


Body:जबलपुर रेल का काम मेहनत से जुड़ा हुआ है सामान्य तौर पर ऐसा माना जाता था की सार्वजनिक मेहनत के कामकाज पर पुरुषों का एकाधिकार था और रेलवे मैं अब तक महिलाओं का कामकाज बुकिंग क्लर्क या टिकट चेकिंग तक ही सीमित था लेकिन पश्चिम मध्य रेलवे ने जबलपुर के एक व्यस्त रेलवे स्टेशन मदन महल का पूरा जिम्मा महिलाओं को सौंप दिया है

काजल कोस्टा स्टेशन मास्टर हैं जो स्टेशन पर रेल के परिचालन को देखेंगे काजल का कहना है कि यह काम कठिन तो है पर इतना कठिन भी नहीं कि महिलाएं ना कर सके मदन महल स्टेशन से रोजाना लगभग 30 से 35 रेल गाड़ियां गुजरती हैं काजल ने आज ही स्टेशन का जिम्मा संभाला है और बखूबी रेलगाड़ियों को गुजारा है

अंजली बेस मदन महल स्टेशन की डिप्टी एसएस हैं उनका कहना है कि रेलवे का काम शिफ्ट वाला काम है 24 घंटे चलने वाला काम है इसलिए यदि परिवार साथ ना दे तो यह काम करना बहुत कठिन है लेकिन बे बीते कई सालों से या काम बखूबी करती चली आ रही हैं अंजली अभी तक गाडरवारा में डिप्टी एस एस थे अब मदन महल स्टेशन को संभालेंगे

मदन महल स्टेशन पर लगभग सो महिलाओं का स्टाफ लगाया गया है जो पुरुष थे उनका ट्रांसफर कर दिया गया है स्टेशन पर सुरक्षा में भी आरपीएफ ने महिला पुलिस दल को ही जिम्मा सौंपा है यहां तक की स्टेशन पर खलासी तक का काम महिलाओं के जिम्मे कर दिया गया है इस तरीके से मदन महल स्टेशन पश्चिम मध्य रेलवे का पहला पिंक स्टेशन बन गया है


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