जबलपुर। मध्यप्रदेश को बीते कई सालों से कृषि कर्मण अवार्ड मिल रहा है, कृषि क्षेत्र में लगातार मध्यप्रदेश का विकास कर रहा है. प्रदेश में कृषि क्षेत्र में हुए विकास का श्रेय कृषि मंत्री कमल पटेल ने बीजेपी को दिया. साथ ही कहा कि राज्य में बिजली उत्पादन बढ़ा है. प्रदेश के किसानों की समस्याओं पर काम हो रहा है. वहीं प्रदेश में खाद की किल्लत को कांग्रेस द्वारा फैलाया जा रहा भ्रम बताया. कृषि से जुड़े कई मसलों पर प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने ईटीवी भारत के संवाददाता सुनील विश्वकर्मा से बात की.
बंटाधार सरकार से बनी विकास की सरकार
मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा है कि जिस समय 2003 मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार आई थी उस समय कृषि विकास दर माइनस में थी. न सड़कें थी,न बिजली थी पर जैसे ही मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार आई तो हमारा फोकस था कि गांव में कैसे विकास लाया जाए और इसमें हम सफल भी हुए. कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि 2003 में मध्यप्रदेश में 2990 मेगावाट बिजली उत्पादन हुआ करता था, वह बढ़कर अब 22 हजार मेगावाट पहुंच गया है,साथ ही सिंचाई का जो एरिया साढ़े सात लाख हेक्टेयर था, वह भी बढ़कर 45 लाख हो गया है,यही कारण है कि मध्यप्रदेश को कृषि कर्मण अवार्ड मिल रहा है.
प्रदेश में नहीं खाद की कमी-कांग्रेस फैला रही है भ्रम
वहीं मध्यप्रदेश में खाद की किल्लत को लेकर फ़ैल रही खबरों पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने विराम लगा दिया है. उन्होंने कहा कि कहीं भी खाद की कमी नहीं है, इस तरह का प्रचार-प्रसार जनता को गुमराह करने के लिए कांग्रेस कर रही है. अफवाह के चलते जिस किसान को एक-दो माह बाद खाद लेना होता है वह भी तुंरत खाद की लिए टूट पड़ता है,उन्होंने कहा कि न ही यूरिया की कमी है और न ही डीएपी.
अभी मध्यप्रदेश की मिट्टी नहीं हुई है जहरीली
मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल में ईटीवी भारत को बताया कि पंजाब-हरियाणा की तरह अभी मध्यप्रदेश की मिट्टी जहरीली नहीं हुई है.उन्होंने मध्यप्रदेश के किसानों से अपील की कि रासायनिक उर्वरकों का उपयोग न करें, कोशिश करें कि जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाए. उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार किसानों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजना चला रही है,किसान खेती भी करें,उत्पादन भी करें और फ़ूड प्रसासिंग के लिए उद्योग लगाएं जिस पर सरकार उन्हें सब्सिडी भी देगी.
प्रदेश में कम बारिश को लेकर सर्वे
इस साल मध्यप्रदेश के कई जिलों में औसत से बहुत कम बारिश हुई है, जिसके कारण रबी के सीजन में ही किसानों के सामने सिंचाई की समस्या आने लगी है. इसको लेकर कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि जहां कहीं किसानों की फसल खराब हुई है उसका भी सर्वे करवाकर उनकी क्षतिपूर्ति की जा रही है. इसके अलावा ज्यादातर जिलों में डैम बनवाए जा रहे हैं, साथ ही नर्मदा के पानी का कैसे किसान उपयोग कर सकते हैं इसके लिए भी कई परियोजनाएं मुख्यमंत्री से स्वीकृत करवा रहे हैं.