जबलपुर। 24 फरवरी से 3 मार्च तक प्रदेश सरकार ने नर्मदा गौ- कुंभ का आयोजन किया था, जिसका नाम पहले नर्मदा कुंभ हुआ करता था. शंकराचार्य के कहने पर प्रदेश सरकार ने इस आयोजन का नाम बदल दिया. कुछ संतों का कहना है कि, सीएम कमलनाथ को धार्मिक आयोजन का नाम बदलने का ही श्राप मिला है.
धर्म गुरु शिवदास महाराज का कहना है कि, जिसने भी मां नर्मदा का अपमान किया है, उसकी सरकार जरूर गिरी है. चाहे वो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हों या वर्तमान मुख्यमंत्री. दोनों ही नेताओं को मां नर्मदा का श्राप झेलना पड़ा है. 2018 में शिवराज सिंह चौहान ने गौ कुंभ यात्रा के नाम पर जो गलती की थी, वही गलती कमलनाथ ने भी की, नतीजा यह निकला कि कमलनाथ को भी सरकार गवाना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सन 2018 में नर्मदा परिक्रमा की थी, जिसके बाद उन पर नर्मदा के नाम पर कई घोटालों के आरोप लगे थे. परिक्रमा खत्म होते ही शिवराज सिंह चौहान को अपनी सत्ता से हाथ धोना पड़ा था.
वहीं इस पर बीजेपी नेता जीएस ठाकुर का कहना है कि, नर्मदा कुंभ का नाम बदलकर नर्मदा गौ- कुंभ रखना गलत है, इसमें दूर दूर तक गाय माता का कोई लेना देना नहीं था.