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कृषि मेले में कड़कनाथ मुर्गा की धूम, दो दिन के अंदर 800 लोगों ने पालने का दिया ऑर्डर

कई गुणों से भरे कड़कनाथ मुर्गे की धूम जबलपुर में आयोजित हुए कृषि मेले में भी जमकर देखने को मिल रही है. सिर्फ 2 दिन के अंदर ही कृषि मेले के माध्यम से 800 से ज्यादा लोगों ने कड़कनाथ को पालने के लिए ऑर्डर दिए हैं.

कड़कनाथ मुर्गा
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Published : Oct 16, 2019, 8:48 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 10:40 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश का पेटेंट शक्तिशाली और कई गुणों से भरपूर कड़कनाथ मुर्गा अब जबलपुर में धूम मचाने को तैयार है. जबलपुर में आयोजित कृषि मेले में कड़कनाथ को जिसने भी देखा वह देखता ही रह गया. कृषि आयोजकों के द्वारा सिर्फ 2 दिन के भीतर ही कृषि मेले में 800 से ज्यादा लोगों ने कड़कनाथ को पालने के लिए आर्डर किया है.

कृषि मेले में कड़कनाथ मुर्गा की धूम,

कृषि वैज्ञानिक सुंदरलाल कुमार ने बताया कि आखिर क्यों प्रदेश ही नहीं दुनिया भर में कड़कनाथ की डिमांड है. कड़कनाथ मुर्गे के रंग के साथ-साथ इसका खून, मांस और हड्डियां भी काली होती हैं, जो लोगों की दिल की बीमारी और लकवा ठीक करने में भी लाभदायक साबित हो रही है. यही वजह है कि इसकी पहचान और कीमत आम मुर्गों से बहुत ज्यादा है.किसान मेले में कड़कनाथ को मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले की कृषि केंद्र से ब्रिकी के लिए लाया गया है.

कड़कनाथ इस संगोष्ठी में अकेले ही नहीं बल्कि अपने पूरे परिवार के साथ आया है. जैसे ही किसान मेले में लोगों को इस कड़कनाथ के बारे में पता चला वैसे ही लोग इसे देखने के लिए स्टॉल के पास पहुंचे.मध्यप्रदेश सरकार ने कड़कनाथ मुर्गे की प्रजाति को खतरे में देख इसके संरक्षण के लिए कृषि विज्ञान केंद्र को जिम्मेदारी सौंपी है. कृषि मेले के आयोजक विश्वविद्यालय के कुलपति ने भी माना है कि यह मेला किसानों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है. किसान मेले में आई तकनीकी किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित होगी.

जबलपुर। मध्यप्रदेश का पेटेंट शक्तिशाली और कई गुणों से भरपूर कड़कनाथ मुर्गा अब जबलपुर में धूम मचाने को तैयार है. जबलपुर में आयोजित कृषि मेले में कड़कनाथ को जिसने भी देखा वह देखता ही रह गया. कृषि आयोजकों के द्वारा सिर्फ 2 दिन के भीतर ही कृषि मेले में 800 से ज्यादा लोगों ने कड़कनाथ को पालने के लिए आर्डर किया है.

कृषि मेले में कड़कनाथ मुर्गा की धूम,

कृषि वैज्ञानिक सुंदरलाल कुमार ने बताया कि आखिर क्यों प्रदेश ही नहीं दुनिया भर में कड़कनाथ की डिमांड है. कड़कनाथ मुर्गे के रंग के साथ-साथ इसका खून, मांस और हड्डियां भी काली होती हैं, जो लोगों की दिल की बीमारी और लकवा ठीक करने में भी लाभदायक साबित हो रही है. यही वजह है कि इसकी पहचान और कीमत आम मुर्गों से बहुत ज्यादा है.किसान मेले में कड़कनाथ को मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले की कृषि केंद्र से ब्रिकी के लिए लाया गया है.

कड़कनाथ इस संगोष्ठी में अकेले ही नहीं बल्कि अपने पूरे परिवार के साथ आया है. जैसे ही किसान मेले में लोगों को इस कड़कनाथ के बारे में पता चला वैसे ही लोग इसे देखने के लिए स्टॉल के पास पहुंचे.मध्यप्रदेश सरकार ने कड़कनाथ मुर्गे की प्रजाति को खतरे में देख इसके संरक्षण के लिए कृषि विज्ञान केंद्र को जिम्मेदारी सौंपी है. कृषि मेले के आयोजक विश्वविद्यालय के कुलपति ने भी माना है कि यह मेला किसानों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है. किसान मेले में आई तकनीकी किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित होगी.

Intro:जबलपुर
मध्य प्रदेश का पेटेंट शक्तिशाली और कई गुणों से भरे कड़कनाथ मुर्गे की धूम जबलपुर में आयोजित हुए कृषि मेले में भी जमकर देखने को मिली।कड़कनाथ को जो भी देखता देखता वह इसके विषय में जानने के लिए और उत्सुक हो जाता।सिर्फ 2 दिन के भीतर ही कृषि मेले के माध्यम से 800 से ज्यादा लोगों ने कड़कनाथ को पालने के लिए आर्डर दिए हैं।


Body:कड़कनाथ को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र झाबुआ से आए सुंदरलाल ने बताया कि आखिर क्यों प्रदेश ही नहीं दुनिया भर में कड़कनाथ की डिमांड है।कड़कनाथ मुर्गे के रंग के साथ-साथ इसका खून, मांस और हड्डियां भी काली होती है जो कि लोगों को दिल की बीमारी और लकवा ठीक करने में भी लाभदायक साबित हो रही है। यही वजह है कि इसकी पहचान और कीमत आम लोगों से बहुत हटकर है।जबलपुर में आयोजित किसान मेले में कड़कनाथ को मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले की कृषि केंद्र से लाया गया।


Conclusion:कड़कनाथ इस संगोष्ठी में अकेले ही नहीं बल्कि अपने पूरे परिवार के साथ आया हुआ है।जैसे ही किसान मेले में लोगों को इस कड़कनाथ के बारे में पता चलता है वैसे ही लोग इसे देखने के लिए स्टॉल के पास पहुंच जाते। कड़कनाथ मुर्गे की प्रजाति को खतरे में देख सरकार ने इसके संरक्षण के लिए कृषि विज्ञान केंद्र को जिम्मेदारी दी है।कृषि मेले के आयोजक विश्वविद्यालय के कुलपति ने भी माना कि यह मेला किसानों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है।किसान मेले में आई तकनीकी किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित होगी।
बाईट.1- सुंदरलाल........ कृषि विज्ञान केंद्र, झाबुआ
बाईट.2- प्रदीप बिसेन.......कुलपति कृषि विश्वविद्यालय
Last Updated : Oct 16, 2019, 10:40 PM IST
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