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आखिर जबलपुर का क्या है व्हाइट स्याही कांड, जिस पर कलेक्टर ने FIR दर्ज करने के दिए निर्देश - Jabalpur white Syahi scandal

Jabalpur white Syahi scandal: एमपी की संस्कारधानी से बड़ा मामला सामने आया है. यहां गणतंत्र दिवस पर हुए कार्यक्रम के 5 करोड़ के बिल की नोट शीट गायब हो गई. इस कार्यक्रम में सीएम शिवराज और उनकी पत्नी साधना सिंह शामिल थे.

Jabalpur white ink scandal
व्हाइट स्याही कांड
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 23, 2023, 9:23 PM IST

Updated : Nov 23, 2023, 9:56 PM IST

क्या है व्हाइट स्याही कांड

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर गणतंत्र दिवस पर आयोजित हुए कार्यक्रमों में 5 करोड़ रुपए के बिल की नोट शीट की फाइल गायब होने से हड़कंप मचा हुआ है. इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनकी पत्नी शामिल हुई थी. इसके साथ ही रंगारंग कार्यक्रम में देश के जाने-माने गायक सोनू निगम और शान शामिल हुए थे. इस दो दिनों के कार्यक्रमों का काम भोपाल की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी मेसर्स एक्सीलेंसी एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था. जिसका भुगतान होना था, फिलहाल पूरे मामले में जबलपुर जिला कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने तीन कर्मचारियों को सस्पेंड करते हुए पूरे मामले की जांच ओमती पुलिस को दी है. अब आगे की जांच ओमती पुलिस करेगी.

गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का मामला: दरअसल, वर्ष 2023 का आयोजित गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम जबलपुर में आयोजित किया गया था. 25 एव 26 जनवरी 2023 को आयोजित हुए गणतंत्र दिवस समारोह का कार्यक्रम आयुर्वेदिक कॉलेज मैदान और गैरिसन ग्राउंड में किया गया था, लेकिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जुड़े 5 करोड रुपए के भुगतान का मसला हल होता नहीं दिखाई दे रहा है. 26 जनवरी को आयोजित होने वाली परेड में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनकी पत्नी साधना सिंह भी शामिल हुईं थीं. इसके साथ ही इस कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए देश जाने माने गायक सोनू निगम और शान ने अपनी प्रस्तुति दी थी.

5 करोड़ के बिल की नोट शीट हुई गायब: कार्यक्रम के बिल का भुगतान होना था, लेकिन जिला कलेक्टर कार्यालय के पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति विभाग से बिल की नोट शीट गायब होने के बाद जबलपुर से लेकर भोपाल तक हड़कंप मच गया. जब इस बात की जानकारी अधिकारियों को लगी, तो उन्होंने अपने स्तर पर पूरे मामले की जांच की और इसकी रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंपी. जांच के बाद कलेक्टर ने संबंध विभाग से जुड़े हुए तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया और पूरे मामले की जांच करने के आदेश ओमती पुलिस को दिए.

अटेंडेस में लगा मिला व्हाइटनर: पूरे मामले में सबसे खास बात यह है कि इस मामले का खुलासा तब हुआ जब हाजिरी रजिस्टर में व्हाइटनर लगा हुआ दिखा. एक विशेष तारीख को सभी अधिकारी कर्मचारी कार्यालय में मौजूद थे, लेकिन कुछ कर्मचारियों के द्वारा अपने हस्ताक्षर के ऊपर व्हाइटनर लगा दिया गया. जब अधिकारियों ने इसको लेकर पूछा आज की तो सब गोल-मोल जवाब देते नजर आए. पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के सीओ हेमंत सिंह द्वारा इसकी जानकारी कलेक्टर को दी. कलेक्टर के आदेश के बाद पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के सीईओ हेमंत सिंह के द्वारा ओमती थाने में जाकर पूरी मामले की एफआईआर दर्ज कराई गई है.

तीन कर्मचारी सस्पेंड: बताया जाता है कि विगत कई महीनों से कार्यालय में फाइलों की तलाशी चल रही थी. पहले तो कयास लगाए जा रहे थे कि संबंधित नोट शीट किसी अन्य विभाग की फाइल में दबकर चली गई होगी, लेकिन जब तलाशी ली गई तो साजिश की बू आने पर पूरे मामले को उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दिया गया. इसके बाद जांच कमेटी भी गठित की गई. कमेटी ने कलेक्ट्रेट के कार्यवाहक कार्यालय अधीक्षक, एक बाबू और एक भृत्य को नोटशीट गायब होने के मामले में दोषी पाया है. जिसके आधार पर कलेक्टर ने तीनों ही कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया.

यहां पढ़ें...

कलेक्टर ने FIR दर्ज करने के दिए निर्देश: गणतंत्रता दिवस और भारत पर्व के आयोजन का कार्यक्रम जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद यानी जेएटीसीसी द्वारा कराया गया था. जिसमें आयोजन के लिए इवेंट कंपनी में मेसर्स एक्सीलेंस एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड भोपाल को इसका जिम्मा सौंपा गया था. इस पूरे आयोजन को लेकर कुल 5 करोड़ 25 लाख 8 हजार 687 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट भेजा गया था. जिस पर सरकार की ओर से अब तक 4 करोड़ 60 लाख 47 हज़ार रुपये दो किस्तों में प्राप्त हो चुके थे और अंतिम 65 लाख 36 हजार 687 रुपए की मांग 18 अक्टूबर को की गई थी, लेकिन नोट शीट में वेंडरों को भुगतान किए जाने का उल्लेख था और समस्त जानकारियां भी दर्ज थी. जो अब गायब बताई जा रही है, लेकिन अब नोटशीट गायब होने के बाद कंपनी को किया किया जाने वाला भुगतान खटाई में जाता हुआ दिखाई दे रहा है. कलेक्टर द्वारा एफआईआर दर्ज करने के निर्देश के बाद ओमती थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह पवार का कहना है कि जिला कलेक्टर द्वारा एफआईआर दर्ज करने के निर्देश मिले हैं. जहां पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. जांच के बाद संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

क्या है व्हाइट स्याही कांड

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर गणतंत्र दिवस पर आयोजित हुए कार्यक्रमों में 5 करोड़ रुपए के बिल की नोट शीट की फाइल गायब होने से हड़कंप मचा हुआ है. इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनकी पत्नी शामिल हुई थी. इसके साथ ही रंगारंग कार्यक्रम में देश के जाने-माने गायक सोनू निगम और शान शामिल हुए थे. इस दो दिनों के कार्यक्रमों का काम भोपाल की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी मेसर्स एक्सीलेंसी एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था. जिसका भुगतान होना था, फिलहाल पूरे मामले में जबलपुर जिला कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने तीन कर्मचारियों को सस्पेंड करते हुए पूरे मामले की जांच ओमती पुलिस को दी है. अब आगे की जांच ओमती पुलिस करेगी.

गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का मामला: दरअसल, वर्ष 2023 का आयोजित गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम जबलपुर में आयोजित किया गया था. 25 एव 26 जनवरी 2023 को आयोजित हुए गणतंत्र दिवस समारोह का कार्यक्रम आयुर्वेदिक कॉलेज मैदान और गैरिसन ग्राउंड में किया गया था, लेकिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जुड़े 5 करोड रुपए के भुगतान का मसला हल होता नहीं दिखाई दे रहा है. 26 जनवरी को आयोजित होने वाली परेड में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनकी पत्नी साधना सिंह भी शामिल हुईं थीं. इसके साथ ही इस कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए देश जाने माने गायक सोनू निगम और शान ने अपनी प्रस्तुति दी थी.

5 करोड़ के बिल की नोट शीट हुई गायब: कार्यक्रम के बिल का भुगतान होना था, लेकिन जिला कलेक्टर कार्यालय के पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति विभाग से बिल की नोट शीट गायब होने के बाद जबलपुर से लेकर भोपाल तक हड़कंप मच गया. जब इस बात की जानकारी अधिकारियों को लगी, तो उन्होंने अपने स्तर पर पूरे मामले की जांच की और इसकी रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंपी. जांच के बाद कलेक्टर ने संबंध विभाग से जुड़े हुए तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया और पूरे मामले की जांच करने के आदेश ओमती पुलिस को दिए.

अटेंडेस में लगा मिला व्हाइटनर: पूरे मामले में सबसे खास बात यह है कि इस मामले का खुलासा तब हुआ जब हाजिरी रजिस्टर में व्हाइटनर लगा हुआ दिखा. एक विशेष तारीख को सभी अधिकारी कर्मचारी कार्यालय में मौजूद थे, लेकिन कुछ कर्मचारियों के द्वारा अपने हस्ताक्षर के ऊपर व्हाइटनर लगा दिया गया. जब अधिकारियों ने इसको लेकर पूछा आज की तो सब गोल-मोल जवाब देते नजर आए. पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के सीओ हेमंत सिंह द्वारा इसकी जानकारी कलेक्टर को दी. कलेक्टर के आदेश के बाद पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के सीईओ हेमंत सिंह के द्वारा ओमती थाने में जाकर पूरी मामले की एफआईआर दर्ज कराई गई है.

तीन कर्मचारी सस्पेंड: बताया जाता है कि विगत कई महीनों से कार्यालय में फाइलों की तलाशी चल रही थी. पहले तो कयास लगाए जा रहे थे कि संबंधित नोट शीट किसी अन्य विभाग की फाइल में दबकर चली गई होगी, लेकिन जब तलाशी ली गई तो साजिश की बू आने पर पूरे मामले को उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दिया गया. इसके बाद जांच कमेटी भी गठित की गई. कमेटी ने कलेक्ट्रेट के कार्यवाहक कार्यालय अधीक्षक, एक बाबू और एक भृत्य को नोटशीट गायब होने के मामले में दोषी पाया है. जिसके आधार पर कलेक्टर ने तीनों ही कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया.

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कलेक्टर ने FIR दर्ज करने के दिए निर्देश: गणतंत्रता दिवस और भारत पर्व के आयोजन का कार्यक्रम जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद यानी जेएटीसीसी द्वारा कराया गया था. जिसमें आयोजन के लिए इवेंट कंपनी में मेसर्स एक्सीलेंस एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड भोपाल को इसका जिम्मा सौंपा गया था. इस पूरे आयोजन को लेकर कुल 5 करोड़ 25 लाख 8 हजार 687 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट भेजा गया था. जिस पर सरकार की ओर से अब तक 4 करोड़ 60 लाख 47 हज़ार रुपये दो किस्तों में प्राप्त हो चुके थे और अंतिम 65 लाख 36 हजार 687 रुपए की मांग 18 अक्टूबर को की गई थी, लेकिन नोट शीट में वेंडरों को भुगतान किए जाने का उल्लेख था और समस्त जानकारियां भी दर्ज थी. जो अब गायब बताई जा रही है, लेकिन अब नोटशीट गायब होने के बाद कंपनी को किया किया जाने वाला भुगतान खटाई में जाता हुआ दिखाई दे रहा है. कलेक्टर द्वारा एफआईआर दर्ज करने के निर्देश के बाद ओमती थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह पवार का कहना है कि जिला कलेक्टर द्वारा एफआईआर दर्ज करने के निर्देश मिले हैं. जहां पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. जांच के बाद संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Nov 23, 2023, 9:56 PM IST
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