जबलपुर। पट्टाभिषेक होने के बाद मध्य प्रदेश में पहली बार नव प्रतिष्ठित शंकराचार्यों का आगमन हो रहा है. संस्कारधानी जबलपुर में 6 नवंबर को द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज और ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज पहुंच रहे हैं. दोनों शंकराचार्य के स्वागत के लिए शहर में भव्य तैयारियां की जा रही हैं इस मौके पर शंकराचार्य के स्वागत के लिए शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए शहर के हृदय स्थल शहीद स्मारक गोल बाजार मैदान पहुंचेगी, जहां शंकराचार्य एक विशाल धर्मसभा को संबोधित करेंगे. (jabalpur shankaracharyas procession)
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आयोजन समिति के अध्यक्ष ब्रह्मचारी चैतन्यानंद महाराज ने बताया कि ये पहला मौका है जब जबलपुर संस्कारधानी में दो शंकराचार्य का आगमन हो रहा है. इस मौके पर हजारों की संख्या में लोग उनके दर्शन के लिए शहर पहुंच रहे हैं. शोभायात्रा के भव्य स्वागत के लिए शहर के मुख्य मार्गों पर 50 से ज्यादा स्वागत मंच लगाए गए हैं. जगह-जगह शंकराचार्य के स्वागत के लिए उनपर पुष्प वर्षा होगी और आरती की जाएगी. इसके साथ ही शंकराचार्य के दर्शन के लिए प्रदेशभर से साधु संत जबलपुर पहुंच रहे हैं. जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के देव लोक गमन के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज और स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज को शंकराचार्य नियुक्त किया गया था. जिसके बाद दोनों मठों में शंकराचार्यों का पट्टाभिषेक किया गया. (swami sadanand saraswati maharaj) (swami sadanand saraswati in jabalpur)