जबलपुर। राज्य अधिवक्ता परिषद में गुटीय घमासान थम नहीं रहा है. परिषद की सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई, जिसके बाद दोनों गुटों ने अपने-अपने अध्यक्ष घोषित कर दिये. बैठक में 21 सदस्य व्यक्तिगत रूप से तथा चार सदस्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए. एक गुट बहुमत के आधार पर तो दूसरा गुट विधि अनुसार अध्यक्ष होने का दावा कर रहा है. प्रदेश के अधिवक्ताओं की मातृ संस्था राज्य अधिवक्ता परिषद में कुल निर्वाचित सदस्यों की संख्या 25 है.
अधिवक्ता परिषद (advocate council) के अध्यक्ष को लेकर छिड़ा विवाद
बैठक में स्वास्थ्य कारण से अध्यक्ष पद से डॉ विजय चौधरी का इस्तीफा देने का मुद्दा भी शामिल था. इस मुद्दे पर एक गुट ने डॉ चौधरी के इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया तो दूसरा गुट वोटिंग करवाने पर अड़ गया. इस दौरान दो सदस्यों ने विवाद से स्वंय को अलग कर लिया, जिसके बाद व्यक्तिगत रूप से उपस्थित सदस्यों की 19 वोटिंग रह गयी थी. डॉ चौधरी का समर्थन कर रहे गुट ने भी मतदान से खुद को अलग कर लिया, इसके बाद 10 सदस्यों ने सर्वसम्पत्ति से शैलेन्द्र वर्मा को अध्यक्ष चुना लिया.
डॉ चौधरी के समर्थक गुट का दावा है कि वीडियों क्रांफेसिंग (video conferencing) के माध्यम से उपस्थित चार सदस्यों ने उनका समर्थन किया था. दूसरे गुट का कहना है कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किसी को वोट का अधिकार नहीं है. व्यक्तिगत रूप से उपस्थ्ति सदस्य ही हाथ उठाकर अपना समर्थन कर सकते है. बैठक में उपस्थित सदस्यों ने बहुमत के आधार पर शैलेन्द्र वर्मा को अध्यक्ष चुना है. डॉ चौधरी ने पूर्व की सभी समिति को भंग करते हुए 6 नये को चेयरमेन नियुक्त करने की जानकारी मीडिया को दी, उन्हें नई समिति भी गठित कर दी है. दूसरी तरफ अधिवक्ता शैलेन्द्र वर्मा ने अध्यक्ष पद का पदभार ग्रहण कर लिया. वहीं पूरे घटना क्रम के बाद भी राज्य अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है.
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