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Jabalpur Railway News: पटरी चोरी के मामले में बड़ा खुलासा, RPF का सब स्पेक्टर ही निकला मास्टरमाइंड

कहते हैं कि बाड़ ही जब खेत को खाए तो रखवाली कौन करे. मतलब जिसको रखवाली करने के लिए खेत सौंपा है, वहीं खेत खा गया. ऐसा ही एक मामला जबलपुर से 40 किलोमीटर दूर भिटौनी रेलवे स्टेशन से सामने आया है. जबलपुर की जीआरपी पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है. जो आरपीएफ पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही थी उसी टीम में शामिल एक एसआई चोरों की रेस में शामिल था, जिसे गिरफ्तार कर लिया है. एसआई को सस्पेंड कर दिया गया है और उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है.

RPF sub spector steals tracks in Jabalpur
पटरी चोरी के मामले में बड़ा खुलासा
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Published : Apr 17, 2023, 5:53 PM IST

जबलपुर। जबलपुर के भिटौनी रेलवे स्टेशन से करीब 45 टन क्विंटल स्क्रैप और रेलवे पटरी चोरी होने का मामला सामने आया था. जिसके बाद RPF पुलिस ने एक संदिग्ध युवक को गिरफ्तार किया था. जिससे पूछताछ में रेलवे में पदस्थ सब इंजीनियर, रेलवे ट्रक ड्राइवर और ठेकेदार सहित कई लोगों के नाम सामने आए थे. पूछताछ के बाद RPF ने अभी तक 11 टन चोरी हुआ माल भोपाल से जब्त किया है. पुलिस ने जब जांच का दायरा बढ़ाया तो RPF में पदस्थ सब इंस्पेक्टर सुनील मिश्रा भी चोरी में शामिल होना पाया गया. जिसे RPF पुलिस में गिरफ्तार कर लिया. चोरी में संदिग्ध पाए जाने के बाद RPF के उच्च अधिकारियों ने सब इंस्पेक्टर सुनील मिश्रा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है और उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है. RPF का कहना है कि इस पूरे मामले में और भी कई खुलासे हो सकते हैं.

रेलवे ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत: दरअसल भिटौनी रेलवे स्टेशन से पेट्रोलियम कंपनी की रेलवे साइडिंग से कई लाखों रुपए की रेल पांतें चोरी हो गई थीं. पुलिस के मुताबिक यह सनसनीखेज वारदात 15 जनवरी से 30 जनवरी के बीच हुई है. लेकिन ढाई महीने बीत जाने के बाद यह घटना सामने आई. जिसमें रेलवे के ठेकेदार एवं अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत उजागर हुई. आरपीएफ पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया जिसके कब्जे से एक ट्रक और कुछ सामान जब्त हुआ. इसके बाद जब आरोपी से पूछताछ शुरू हुई तो एक के बाद एक कड़ी जुड़ती गईं.

रेल विभाग में मचा हड़कंप: दरअसल शहपुरा के भिटौनी रेलवे स्टेशन से पेट्रोलियम कंपनी तक माल ढोने के लिए रेलवे की लाइन बिछाई गईं. जहां रेल पातें पुरानी होने के कारण उनको बदला गया था. नई रेल पांतें बिछाने के बाद पुरानी रेल पटरी रेलवे में जमा होनी थी. लेकिन इसके पहले ही चोरों ने करामात दिखाते हुए पुरानी रेल पटरियों को चोरी कर लिया. इस पूरे मामले में सबसे खास बात यह है कि आरपीएफ ने ही अपने कर्मचारी की संलिप्तता पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया. जिसके बाद पूरे रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया. लेकिन सबसे बड़ी बात यह थी कि रेलवे के अधिकारियों द्वारा चोरी गए सामान की लिस्ट आरपीएफ को नहीं दी गई जिसे बरामद करने में आरपीएफ को बड़ी कठिनाई हुई.

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सब इंस्पेक्टर सस्पेंड:आरपीएफ में पदस्थ सब इंस्पेक्टर सुनील मिश्रा का नाम आने के बाद रेलवे के अधिकारियों ने सुनील मिश्रा को सस्पेंड कर दिया. जिसके बाद आरोपी सुनील मिश्रा का पुराना रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है. अब रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी यह जानने में जुटे हुए हैं कि रेलवे की संपत्ति उसी के विभिन्न विभागों के लोगों के माध्यम से चोरी करवाने का यह खेल कब से चल रहा है. इस मामले की खबर रेलवे मुख्यालय तक पहुंची है. जिसके बाद चोरी की ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नई रणनीति भी बनाई जा रही है. फिलहाल जीआरपी पुलिस अधिकारी का कहना है "इसमें और भी लोगों की भूमिका संदिग्ध है, जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उनको पकड़े जाने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि चोरी की यह वारदात कब हुई और इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे.''

जबलपुर। जबलपुर के भिटौनी रेलवे स्टेशन से करीब 45 टन क्विंटल स्क्रैप और रेलवे पटरी चोरी होने का मामला सामने आया था. जिसके बाद RPF पुलिस ने एक संदिग्ध युवक को गिरफ्तार किया था. जिससे पूछताछ में रेलवे में पदस्थ सब इंजीनियर, रेलवे ट्रक ड्राइवर और ठेकेदार सहित कई लोगों के नाम सामने आए थे. पूछताछ के बाद RPF ने अभी तक 11 टन चोरी हुआ माल भोपाल से जब्त किया है. पुलिस ने जब जांच का दायरा बढ़ाया तो RPF में पदस्थ सब इंस्पेक्टर सुनील मिश्रा भी चोरी में शामिल होना पाया गया. जिसे RPF पुलिस में गिरफ्तार कर लिया. चोरी में संदिग्ध पाए जाने के बाद RPF के उच्च अधिकारियों ने सब इंस्पेक्टर सुनील मिश्रा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है और उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है. RPF का कहना है कि इस पूरे मामले में और भी कई खुलासे हो सकते हैं.

रेलवे ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत: दरअसल भिटौनी रेलवे स्टेशन से पेट्रोलियम कंपनी की रेलवे साइडिंग से कई लाखों रुपए की रेल पांतें चोरी हो गई थीं. पुलिस के मुताबिक यह सनसनीखेज वारदात 15 जनवरी से 30 जनवरी के बीच हुई है. लेकिन ढाई महीने बीत जाने के बाद यह घटना सामने आई. जिसमें रेलवे के ठेकेदार एवं अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत उजागर हुई. आरपीएफ पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया जिसके कब्जे से एक ट्रक और कुछ सामान जब्त हुआ. इसके बाद जब आरोपी से पूछताछ शुरू हुई तो एक के बाद एक कड़ी जुड़ती गईं.

रेल विभाग में मचा हड़कंप: दरअसल शहपुरा के भिटौनी रेलवे स्टेशन से पेट्रोलियम कंपनी तक माल ढोने के लिए रेलवे की लाइन बिछाई गईं. जहां रेल पातें पुरानी होने के कारण उनको बदला गया था. नई रेल पांतें बिछाने के बाद पुरानी रेल पटरी रेलवे में जमा होनी थी. लेकिन इसके पहले ही चोरों ने करामात दिखाते हुए पुरानी रेल पटरियों को चोरी कर लिया. इस पूरे मामले में सबसे खास बात यह है कि आरपीएफ ने ही अपने कर्मचारी की संलिप्तता पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया. जिसके बाद पूरे रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया. लेकिन सबसे बड़ी बात यह थी कि रेलवे के अधिकारियों द्वारा चोरी गए सामान की लिस्ट आरपीएफ को नहीं दी गई जिसे बरामद करने में आरपीएफ को बड़ी कठिनाई हुई.

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सब इंस्पेक्टर सस्पेंड:आरपीएफ में पदस्थ सब इंस्पेक्टर सुनील मिश्रा का नाम आने के बाद रेलवे के अधिकारियों ने सुनील मिश्रा को सस्पेंड कर दिया. जिसके बाद आरोपी सुनील मिश्रा का पुराना रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है. अब रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी यह जानने में जुटे हुए हैं कि रेलवे की संपत्ति उसी के विभिन्न विभागों के लोगों के माध्यम से चोरी करवाने का यह खेल कब से चल रहा है. इस मामले की खबर रेलवे मुख्यालय तक पहुंची है. जिसके बाद चोरी की ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नई रणनीति भी बनाई जा रही है. फिलहाल जीआरपी पुलिस अधिकारी का कहना है "इसमें और भी लोगों की भूमिका संदिग्ध है, जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उनको पकड़े जाने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि चोरी की यह वारदात कब हुई और इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे.''

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