जबलपुर। नर्मदा पंचकोशी परिक्रमा के लिए प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं को नाव से नर्मदा पार कराने की व्यवस्थाएं बनाना शुरू कर दी हैं. खास बात यह है कि 100 हलवाइयों की एक टीम उत्तरप्रदेश के मथुरा जिले से जबलपुर आ रही है. ये टीम यहां नर्मदा पंचकोशी परिक्रमा में विशेष रूप से भोजन सामग्री तैयार करने आ रही है. पंचकोशी यात्रा में 36 घंटे अनवरत चलने वाले भंडारे के लिए तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाएंगे.
एक लाख से ज्यादा लोगों के लिए भोजन : पंचकोशी परिक्रमा का श्रद्धालुओं द्वारा मार्ग में जगह-जगह स्वागत किया जाता है. वहीं हरे कृष्णा आश्रम परिसर से विशाल भंडारा प्रसाद वितरण किया जाता है. परिक्रमा में शामिल श्रद्धालुओं को बैठाकर भोजन कराने की भी परंपरा चली आ रही है. इसलिए इस बार भी लगभग 36 घंटे अनवरत चलने वाले भंडारा प्रसाद वितरण में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के लिए भोजन प्रसाद तैयार करने की तैयारी चल रही है. इसमें पूड़ी, सब्जी, खिचड़ी, हलवा, अचार-पापड़ तक की व्यवस्था की गई है.
कहीं भी डिस्पोजल बर्तन का इस्तेमाल नहीं : एक और खास बात यह है कि समूची तैयारी में डिस्पोजल बर्तनों का प्रयोग नहीं किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि साल 1996 से प्रति माह पूर्णिमा तिथि पर सुबह-सुबह पंचकोशी परिक्रमा भेड़ाघाट से निकाली जाती है. इसमें कार्तिक मास की पूर्णिमा पर महाकुंभ का नजारा बन जाता है. इसके लिए प्रशासन भी अपने स्तर पर तैयारियां करता है. विगत कई सालों से लगातार प्रति माह हो रहे इस आयोजन में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. (Narmada Panchkoshi Parikrama) (Preparations countinue) (Halvai of Mathura in Jabalpur) (100 halvai from Mathura)