जबलपुर। हाईकोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा है कि उम्र में बड़ी शिक्षिका ने स्वेच्छा से यौन संबंध स्थापित किये थे. शिक्षिका व आरोपी दोनों विवाहित थे और दूसरी जाति के थे. हाईकोर्ट जस्टिस सुजय पॉल ने सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि वर्तमान मामले में यह नहीं माना जा सकता कि शादी का प्रलोभन देने पर संबंध स्थापित किये गये है. एकलपीठ ने FIR खारिज करने के आदेश जारी किये है. (citing decision of sc high court quashed fir)
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फेसबुक के माध्यम से हुई थी शिक्षिका से दोस्तीः वर्धा निवासी कोनाल हरीश वास्निक की तरफ से याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि उसके खिलाफ छिंदवाड़ा महिला थाने में एक शिक्षिका की शिकायत पर धारा 376 2 एन के तहत FIr दर्ज की गयी थी. याचिकाकर्ता के अनुसार शिकायतकर्ता महिला से वह वर्धा में एक वैवाहिक कार्यक्रम में मिला था. इसके बाद दोनों में फेसबुक के माध्यम से चैटिंग प्रारंभ हुई. दोनो एक दूसरे से फोन पर बात करने लगे थे. महिला ने उसे फोन के माध्यम से सूचित किया था कि उसके दादा जी की तेरहवीं का कार्यक्रम 2 जून 2021 को है. जिसमें शामिल होने के लिए उसके दोनों बच्चे व परिवार के अन्य सदस्य उमरिया जा रहे है. महिला की सहमत्ति से वह 31 मई 2021 की रात को उसके घर पहुंचा था और दोनों के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हुए थे. महिला ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि विवाह का प्रलोभन देने के कारण उसने शारीरिक संबंध स्थापित किये थे. (Befriended teacher through facebook)
अदालत ने रद किया मुकदमाः याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि शिकायतकर्ता शिक्षिका और वह विवाहित हैं. दोनों अलग-अलग जाति के है. याचिकाकर्ता की उम्र 32 साल है. और शिकायतकर्ता महिला उससे पांच साल बड़ी है. सुनवाई के बाद युगलपीठ ने सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय के आदेशों का हवाला देते हुए दर्ज एफआईआर तथा न्यायालय में लंबित प्रकरण को रद करने के आदेश पारित किये है. (Court dismissed the fir n case)