जबलपुर। आज के इस डिजिटल युग में सब कुछ तेजी से बदल रहा है. डाटा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और क्वांटम कंप्यूटिंग की दौड़ में आगे बने रहने के लिए कई देश भी आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि, जो देश डिजिटल क्षेत्र में कामयाबी पा लेगा उसका एक बड़ा दबदबा विश्व पर होगा. इसी के चलते भारत सरकार भी देश में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है. वहीं ऐसे में कुछ कलाकार भी अपने आप को बदलते हुए इस दौर में पीछे नहीं रखना चाहते हैं. जबलपुर के एक छोटे से गांव के रहने वाले निखिल भी एक ऐसे ही कलाकार हैं जो डिजिटल पेंटिंग के जरिए कला को उकेरने का काम कर रहे हैं. निखिल ने इस कला के जरिए एक नहीं बल्कि 3-3 डिजिटल पेंटिंग में रिकॉर्ड बनाया है.
पिता किसान बेटा बना डिजिटल पेंटर: जबलपुर जिले के कुंडम तहसील के छोटे से गांव के रहने वाले 26 साल के निखिल मिश्रा एक छोटे से परिवार से हैं. उनके पिता खेती किसानी करते हैं और मां हाउसवाइफ है. निखिल को बचपन से ही रामलीला में किरदार निभाने का बड़ा शौक था, जिसके चलते वह राम और लक्ष्मण बनकर अपना किरदार निभाते थे. कुछ अलग करने की चाह ने उनको आज इस मुकाम तक पहुंचा दिया है. निखिल ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की वह डिजिटल पेंटिंग में एक नहीं बल्कि तीन तीन वर्ल्ड रिकार्ड बनाएंगे.
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निखिल की पेंटिंग बाबा महाकार के द्वार पर लगी: निखिल ने कुछ दिनों पहले मां नर्मदा और मां क्षिप्रा की डिजिटल पेंटिंग बनाई थी. इसे हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. इसके साथ ही मां शिप्रा की इस पेंटिंग को बाबा महाकाल के गर्भ गृह के सामने लगाया गया है. ये पेंटिंग महाकाल लोक की शोभा बढ़ा रही है. निखिल बताते हैं कि, बचपन से उन्हें डिजिटल पेंटिंग और एनिमेशन का काफी शौक था. पहली डिजिटल पेंटिंग निखिल ने मां क्षिप्रा की बनाई थी. वहीं दूसरी डिजिटल पेंटिंग उसने बाबा महाकालेश्वर, काल भैरव मां हरसिद्धि और गढ़ कालिका सहित महाकाल लोक की बनाई है. ये पेंटिंग भी वर्ल्ड रिकॉर्ड में रजिस्टर है. यही नहीं निखिल आदिवासी परंपराओं को भी सहेजने का काम कर रहे हैं. निखिल बताते हैं कि, उन्होंने आदिवासियों की विलुप्त होती गुदना कला को भी 3D एनीमेशन में बनाकर संजोया है. निखिल को अपनी डिजिटल पेंटिंग के लिए अब तक 3 वर्ल्ड रिकॉर्ड मिल चुके हैं. उनके डिजिटल पेंटिंग्स को हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में खासतौर पर जगह मिली है. इसके प्रमाण पत्र भी उनके पास आ चुके हैं.
निखिल ने कई रिकॉड्स अपने नाम किए: निखिल का सपना है कि, डिजिटल पेंटिंग के जरिए वह लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराएं. निखिल अपने सपने को पूरा करने के लिए जी जान ले लग गए हैं. निखिल ने अपने गांव ही नहीं बल्कि संस्कारधानी का नाम भी रोशन किया है.