जबलपुर। गंगासागर इलाके में लगभग ढाई फीट लंबी मॉनिटर लिजर्ड को पकड़ा गया है. ये छिपकली आशीष सोंधिया नाम के व्यक्ति के घर में घुस गई थी. जैसे ही ढाई फीट लंबी छिपकली को घर में घुसते हुए परिवार के लोगों ने देखा तो वो घबरा गए और इसकी जानकारी तत्काल वन्य प्राणी विशेषज्ञ गजेंद्र दुबे को दी. गजेंद्र जब मौके पर पहुंचे तो उन्होंने किचन में बैठी इस छिपकली को अपने कब्जे में कर लिया.
मॉनिटर लिजर्ड की संख्या घट रही: गजेंद्र दुबे ने बताया कि यह छिपकली मॉनिटर लिजर्ड के नाम से जानी जाती है, भारत सरकार के वन्य प्राणी सुरक्षा अधिनियम 1972 के तहत इसे संरक्षित श्रेणी में रखा गया है क्योंकि इसकी संख्या लगातार घट रही है. बहुत से लोग इसे तांत्रिक क्रियाओं के लिए इस्तेमाल करते हैं और इसकी वजह से इसकी तस्करी भी होती है. इस कारण से इसकी संख्या घटती जा रही है.
पुराने जमाने में युद्ध के वक्त होता था इस्तेमाल: गजेंद्र दुबे का कहना है कि यह वही गौह प्रजाति की छिपकली है जिसका इस्तेमाल पुराने जमाने में युद्ध के दौरान किया जाता था. शिवाजी की सेना के पास बहुत सी गोह थी. इन छिपकलियों की दीवार पर पकड़ इतनी मजबूत होती है कि इनके सहारे लोग आसानी से किले की दीवारों पर चढ़ जाते थे, इसलिए इनका इस्तेमाल सेनाएं करती थी. अब धीरे-धीरे यह लुप्तप्राय प्राणियों की सूची में आ गई है. इनके प्राकृतिक निवास भी घट गए हैं.
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आकार देख डर जाते हैं लोग: जबलपुर के आसपास बहुत से जंगल हैं जिनमें अभी भी यह पाई जाती हैं. कभी-कभी जंगल में भोजन नहीं मिलने की स्थिति में यह वहां से निकलकर लोगों के घरों तक पहुंच जाती हैं. गजेंद्र दुबे का कहना है कि इनसे डरने की जरूरत नहीं है. यह जहरीली नहीं होती लेकिन इनका बड़ा सा आकार लोगों को डरा देता है. फिलहाल गजेंद्र दुबे ने इस छिपकली को पकड़कर बरगी के जंगल में छोड़ दिया है.