जबलपुर। जबलपुर के सरकारी अस्पताल विक्टोरिया में गरीब नवाज कमेटी के समाजसेवी इनायत अली लावारिस मरीजों को चाय नाश्ता देने जा रहे थे. इसी दौरान उनकी नजर तीन साल की मासूम पर पड़ी. जब बच्ची से इनायत अली ने उससे कुछ बात करने का प्रयास किया तो पता चला कि वह न तो बोल पा रही थी, ना सुन पा रही थी. इनायत अली इस मासूम को लेकर विक्टोरिया अस्पताल के हर वार्ड में गए लेकिन किसी ने भी इस मासूम को नहीं पहचाना.
बच्चा वार्ड में कराया भर्ती : इसके बाद थक हारकर इनायत अली ने इस लाचार मासूम को बच्चा वार्ड में भर्ती करवा दिया. इनायत अली का कहना है कि ऐसा लगता है कि देर रात कोई इस बच्ची को यहां छोड़कर चला गया. हालांकि अस्पताल परिसर में कैमरे लगे हुए हैं लेकिन इसके बाद भी इस मासूम के माता-पिता की जानकारी नहीं लग पाई. इनायत अली का कहना है कि ऐसा लगता है कि इस बच्ची को दिखता नहीं है. डॉक्टर ने भी उसकी आंखों की जांच की है और उन्हें उसकी आंखों में रोशनी नजर नहीं आ रही.
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माता-पिता छोड़ गए : बच्ची की दूसरी जांच होगी लेकिन अभी तक इस बच्ची के माता-पिता सामने नहीं आए हैं. लाचार मासूम विक्टोरिया अस्पताल की बच्चा वार्ड में अपने मां-बाप का इंतजार कर रही है. अभी तक इस लाचार के माता-पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. अब इसका भविष्य सरकार के किसी अनाथालय में दिख रहा है. फिलहाल अपनों की ठुकराई इस बिटिया को सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों का प्यार मिल रहा है. सभी उसे दुलार कर रहे हैं. लेकिन जिससे दुलार की उम्मीद थी, उसने उसे ठुकरा दिया.