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Honey Trap Case: मुख्य आरोपी श्वेता विजय जैन की जमानत याचिका खारिज

हनीट्रैप मामले की मुख्य आरोपी श्वेता विजय जैन की जमानत याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया गया है.

Honey Trap Case
हनी ट्रैप केस
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Published : Jul 31, 2021, 8:19 PM IST

जबलपुर। हनीट्रैप मामले की मुख्य आरोपी श्वेता विजय जैन की जमानत याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जस्टिस अंजली पालो ने सुनवाई के बाद जमानत याचिका को खारिज किया है. कोर्ट का कहना है कि प्रकरण गंभीर ह्यूमन ट्रैफिकिंग का है और महिलाओं की छवि धूमिल करने वाला है.

याचिका में ये दलील दी गई

इंदौर जेल में बंद श्वेता विजय जैन की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि प्रकरण में सहआरोपी मोनिका यादव के पिता की शिकायत पर CID भोपाल ने उसे और बाकी सभी आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. मामले में उसे 4 नवम्बर 2019 को गिरफ्तार किया गया था, तभी से वह न्यायिक अभिरक्षा में है.

याचिका में यह भी कहा गया था कि उसकी उम्र 42 साल है और इंदौर के पलासिया थाने में दर्ज अपराधिक प्रकरण में उसे और सहआरोपियों को जमानत का लाभ मिल गया है. याचिका में कहा गया था कि जिला कोर्ट में शिकायतकर्ता अपने बयान से मुकर गया था और उसे पहचाना तक नहीं था. पुलिस ने बेटी को छोड़ने का प्रलोभन देकर उसके हस्ताक्षर लिए थे.

मंदिर में घायल मिली 10 साल की बच्ची, बोली- चाचा और मां डंडे से रोजाना तब तक मारते, जब तक खून नहीं निकलता

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि प्रकरण की मुख्य गवाह मोनिका यादव ने कोर्ट में दिए गए बयान में आरोपियों पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोपी नवयुवतियों को अनैतिक कार्य में ढकेलती थी और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करती थी. याचिकाकर्ता के पास से लगभग साढे 62 लाख रुपए नगद और 27 लाख रुपए के जेवर बरामद किए गए थे. कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी के साथ याचिका को खारिज कर दिया.

जबलपुर। हनीट्रैप मामले की मुख्य आरोपी श्वेता विजय जैन की जमानत याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जस्टिस अंजली पालो ने सुनवाई के बाद जमानत याचिका को खारिज किया है. कोर्ट का कहना है कि प्रकरण गंभीर ह्यूमन ट्रैफिकिंग का है और महिलाओं की छवि धूमिल करने वाला है.

याचिका में ये दलील दी गई

इंदौर जेल में बंद श्वेता विजय जैन की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि प्रकरण में सहआरोपी मोनिका यादव के पिता की शिकायत पर CID भोपाल ने उसे और बाकी सभी आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. मामले में उसे 4 नवम्बर 2019 को गिरफ्तार किया गया था, तभी से वह न्यायिक अभिरक्षा में है.

याचिका में यह भी कहा गया था कि उसकी उम्र 42 साल है और इंदौर के पलासिया थाने में दर्ज अपराधिक प्रकरण में उसे और सहआरोपियों को जमानत का लाभ मिल गया है. याचिका में कहा गया था कि जिला कोर्ट में शिकायतकर्ता अपने बयान से मुकर गया था और उसे पहचाना तक नहीं था. पुलिस ने बेटी को छोड़ने का प्रलोभन देकर उसके हस्ताक्षर लिए थे.

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कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि प्रकरण की मुख्य गवाह मोनिका यादव ने कोर्ट में दिए गए बयान में आरोपियों पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोपी नवयुवतियों को अनैतिक कार्य में ढकेलती थी और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करती थी. याचिकाकर्ता के पास से लगभग साढे 62 लाख रुपए नगद और 27 लाख रुपए के जेवर बरामद किए गए थे. कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी के साथ याचिका को खारिज कर दिया.

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