जबलपुर। चुनाव प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान शालिग्राम नागवंशी नाम के सरकारी कर्मचारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. यहां शर्मनाक बात यह है कि सैकड़ो कर्मचारियों के होने के बाद भी किसी ने भी शालिग्राम नागवंशी को सीपीआर नहीं दिया और ना ही उसके इलाज में तत्परता दिखाई. जब तक पीड़ित को अस्पताल ले जाया गया, तब तक उसकी जान निकल गई. जबलपुर के पीएसएम कॉलेज में सरकारी कर्मचारियों को चुनाव प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया था. इस दौरान बरगी नगर के पंप ऑपरेटर शालिग्राम नागवंशी भी आए हुए थे.
नाश्ता किया और अचेत हो गए : शाम 5 बजे शालिग्राम नागवंशी ने नाश्ता किया और अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. वे जमीन पर लेट गए और जैसे ही वे लेटे, संभवतः इस दौरान उन्हें हार्ट अटैक हुआ है और वह अचेत हो गए. इसके बाद जब उनके शरीर में कोई हलचल नजर नहीं आई तो एंबुलेंस बुलाई गई हालांकि जब तक एंबुलेंस आती तब तक शालिग्राम नागवंशी की मृत्यु हो चुकी थी. कास बात यह है कि यहां एक सैकड़ा से ज्यादा कर्मचारियों को बुलाया गया था लेकिन कोई भी इनमें से ऐसा नहीं था जो हार्ट अटैक के दौरान मरीज को सीपीआर दे सकता हो. इस पूरी व्यवस्था का संचालक कृषि विभाग के अधिकारियों के नेतृत्व में हो रहा था.
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पहले भी हो चुका है हादसा : ट्रेनिंग करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि जब 108 एंबुलेंस को कॉल किया गया तो उसने जितनी इंक्वारी की उतनी देर में शालिग्राम नागवंशी के प्राण ही निकल चुके थे. उसके बाद भी 108 एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची. कलेक्टर के कहने पर सरकारी अस्पताल की एंबुलेंस लाई गई. जबलपुर में चुनाव ट्रेनिंग के दौरान इस तरह का हादसा पहले हो चुका है लेकिन इसके बाद भी प्रशासन ने सतर्कता नहीं बरती और मौके पर किसी डॉक्टर की ड्यूटी नहीं लगाई. रकारी कर्मचारी पहले ही चुनाव ड्यूटी से बचते हैं ऐसे में यदि कोई हादसा हो जाए तो चुनाव आयोग के लिए और अधिक परेशानी बढ़ जाएगी.