जबलपुर। स्वर्गीय सुभाष चंद्र बनर्जी की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "एक सच्चा कार्यकर्ता एक बड़ी पार्टी के निर्माण के लिए जरूरी है. सुभाष चंद्र बनर्जी ने जो काम किया उसी की वजह से भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश में अपनी जड़ें जमा पाई." शिवराज सिंह ने सात्विक कार्यकर्ता के गुण और दोष को गीता के सांख्य योग के श्लोक के माध्यम से समझाया कि कार्यकर्ता ऐसा होता है जिसमें न कोई महत्वाकांक्षा होती है, न जीत समझता है, न हार समझता है. वह केवल पार्टी के लिए काम करता रहता है."
शिवराज सिंह चौहान की नजर में कैसा होता है सात्विक कार्यकर्ता: स्वर्गीय सुभाष चंद्र बनर्जी की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को गीता का पाठ पढ़ाया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गीता के श्लोक के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं को एक सीख दी है. उन्होंने कहा कि "पार्टी का कार्यकर्ता ऐसा होना चाहिए कि जिसमें राग और द्वेष न हो, जो सबको अपना मानता हो, जिसमें अहंकार न हो अहंकार शून्य हो, जिसमें धैर्य हो और जो उत्साह से भरा हो और जो सफलता और असफलता से अपने कर्तव्य पथ से अलग न होता हो. ऐसे कार्यकर्ता को सात्विक कार्यकर्ता कहते हैं." भले ही यह कार्यक्रम आने वाले चुनाव के मद्देनजर नहीं था, लेकिन बातों ही बातों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पार्टी के कार्यकर्ताओं को एक सीख देकर चले गए. पार्टी में निर्विकार रूप से काम करो एक न एक दिन आपको सफलता जरूर मिलेगी.
सुभाष चंद्र बनर्जी की मूर्ति का अनावरण: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर पहुंचकर जनसंघ के नेता स्वर्गीय सुभाष चंद्र बनर्जी की मूर्ति का अनावरण किया. इस मौके पर उनके साथ बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कमल पटेल और जबलपुर के सांसद राकेश सिंह, राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि और जबलपुर के विधायक मौजूद थे.
आपातकाल में जेल में थे परिवार के 6 सदस्य : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "यह संभवत भारतीय जनता पार्टी में इकलौता परिवार होगा जिसके 6 सदस्य आपातकाल के दौरान जेल में बंद थे. क्योंकि स्वर्गीय सुभाष चंद्र बनर्जी 1951 से ही जबलपुर में जनसंघ का काम कर रहे थे." मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर चले गए, क्योंकि उन्हें मध्यप्रदेश के बाहर से आए हुए 200 विधायकों के साथ एक मीटिंग में शामिल होना था. उन्होंने मंच से लोगों से आग्रह किया कि मध्यप्रदेश के बाहर से लगभग 200 विधायक आए हैं जो मध्य प्रदेश की अलग-अलग सीटों का सर्वे करेंगे और उनकी एक महत्वपूर्ण बैठक में उन्हें और वीडी शर्मा को शामिल होना है इसलिए वे जा रहे हैं.