जबलपुर. भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवारों की दूसरी सूची ने सभी को चौंका दिया है और जबलपुर सांसद राकेश सिंह के अलावा महाकौशल के तीन सांसदों को चुनाव मैदान में उतर गया है. इनमें राकेश सिंह, प्रहलाद पटेल, उदय प्रताप सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते शामिल हैं. सांसद राकेश सिंह को जबलपुर पश्चिम विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. जबलपुर की पश्चिम विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी लगातार दो चुनाव हार चुकी है, जिसमें कांग्रेस के पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने दोनों बार से भाजपा विधायक हरेंद्रजीत सिंह बब्बू को हराया है.
2004 में ग्रामीण भाजपा अध्यक्ष थे राकेश सिंह: राकेश सिंह का राजनीतिक सफर 2004 से शुरू हुआ, उस समय वे जबलपुर भारतीय जनता पार्टी में ग्रामीण अध्यक्ष थे. उन्हें तत्कालीन महापौर विश्वनाथ दुबे के खिलाफ लोकसभा चुनाव में उतर गया था. कांग्रेस ने विश्वनाथ दुबे को टिकट दी थी, लेकिन इस चुनाव में राकेश सिंह ने विश्वनाथ दुबे को एक लाख वोटो से हराया था.
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बार काउंसिल के अध्यक्ष रामेश्वर निखारा को हराया: 2009 में राकेश सिंह को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा की टिकट दी और कांग्रेस ने उनके खिलाफ रामेश्वर निखरा को चुनाव मैदान में उतरा. इस चुनाव में भी राकेश सिंह ने रामेश्वर निखरा को 106000 वोटो से हराया था और भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीती थी.
अब तक की सबसे बड़ी जीत: 2019 में राकेश सिंह चौथी बार लोकसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार थे. इस बार फिर कांग्रेस नेता विवेक तनखा उनके सामने थे, लेकिन इस बार भी कांग्रेस को हर का मुंह देखना पड़ा और राकेश सिंह को 826000 वोट मिले. वहीं विवेक तंखा तीन लाख 71000 वोटो के साथ लगभग 450000 लाख वोटो से हारे थे.
राकेश सिंह के नेतृत्व में ही गिरी थी भाजपा सरकार: राकेश सिंह इस समय लोकसभा में सचेतक के पद पर कार्यरत हैं. भले ही राकेश सिंह जबलपुर की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी का चमकता सितारा हो, लेकिन 2019 राकेश सिंह के लिए अच्छा नहीं था. इस समय वह मध्य प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष थे. मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव हार गई थी और शिवराज सरकार गिर गई थी. जबलपुर की पश्चिम विधानसभा में चुनाव जीतना राकेश सिंह के लिए बहुत सरल काम नहीं है. हालांकि, जबलपुर में भारतीय जनता पार्टी की इस टिकट ने सभी को चौंका दिया है.