जबलपुर। नगर निगम अब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में अपनी किस्मत आजमाने जा रहा है. दरअसल जबलपुर नगर निगम ग्रीन बॉन्ड के नाम से एक बचत योजना का बॉन्ड शुरू करने वाला है. इससे जबलपुर के विकास में काफी योगदान मिलेगा. जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह का कहना है कि जबलपुर नगर निगम अपने विकास को आधार बनाकर जबलपुर के ग्रीन बॉन्ड को लांच करेगा और जबलपुर के विकास के लिए लोग इसे खरीदेंगे. बॉन्ड के खरीदने वाले को एक निश्चित ब्याज की राशि दी जाएगी. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में इसकी खरीद बिक्री पर जो मुनाफा होगा वह अलग है.
महापौर का दावाः महापौर का दावा है कि जबलपुर के विकास को देखकर लोग इसे हाथों-हाथ लेंगे. ग्रीन बॉन्ड का आधार जबलपुर को पूरी तरह से सोलर ऊर्जा आधारित शहर बनाने की योजना से है. साथ ही उन्होने कहा कि जबलपुर का विकास एनएससी में जबलपुर के ग्रीन बॉन्ड को जबरदस्त सफलता दिलाएगा और इसके जरिए जो राशि इकट्ठे होगी. उसे जबलपुर के विकास में खर्च किया जाएगा.
इंदौर में करोड़ों जुटाएः इसके पहले इंदौर नगर निगम ने ग्रीन बॉन्ड के जरिए पैसा जुटाने का काम किया और अब तक इंदौर नगर निगम को 700 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि मिल चुकी है. लेकिन इंदौर की ब्रांडिंग सरकार के द्वारा की जा रही थी और इंदौर ने देश के सबसे स्वच्छ शहर होने का खिताब भी हासिल कर रखा है, जो जबलपुर को फिलहाल नहीं मिल सकता. क्योंकि जबलपुर का आधारभूत ढांचा इंदौर जैसा नहीं है.
नेता प्रतिपक्ष का बयानः जबलपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल का कहना है कि जबलपुर नगर निगम के महापौर जगत बहादुर सिंह निगम को प्रयोगशाला बनाए हुए हैं. हालांकि वे ग्रीन बॉन्ड के विरोध में नहीं है. उनका मानना है कि पहले महापौर कुछ करके दिखाएं यदि वो सफल होते हैं तो भाजपा भी उनके साथ होगी. नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि महापौर बड़े-बड़े सपने दिखा रहे हैं, लेकिन धरातल पर कुछ होते हुए नजर नहीं आ रहा. उन्होंने कहा, ''योजना में कोई बुराई नहीं है, लेकिन जबलपुर अभी विकास की दौड़ में इंदौर जैसा स्थान नहीं बन पाया है, इसलिए बॉन्ड हाथों-हाथ बिकेगा इसकी गारंटी नहीं है.