जबलपुर। विधानसभा चुनाव 2018 में चार सीट कांग्रेस के पास थी और चार सीट भारतीय जनता पार्टी के पास थी. 2023 की विधानसभा चुनाव क्या परिणाम देंगे इसको लेकर सभी के दिमाग में गुणा भाग चल रहा है. मतगणना के बाद जबलपुर का गणित क्या होगा. क्या जबलपुर को नए नेतृत्व मिलेंगे या फिर पुराने ही नेताओं के माध्यम से एक बार फिर जबलपुर की गाड़ी आगे बढ़ेगी.
जबलपुर के आठ विधानसभा क्षेत्र: 2018 के चुनाव में जबलपुर में चार विधानसभा भारतीय जनता पार्टी के पास थी और चार विधानसभा क्षेत्र पर कांग्रेस का कब्जा था.
जबलपुर पश्चिम: इसमें 2018 के चुनाव में जबलपुर पश्चिम से कमलनाथ सरकार के मंत्री तरुण भनोट जीते थे, लेकिन इस बार उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने सांसद राकेश सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है और यहां पर टक्कर कांटे की है.
जबलपुर पूर्व: जबलपुर की पूर्व विधानसभा में 2018 में कांग्रेस के नेता लखन घनघोरिया ने चुनाव जीता था. उन्होंने अंचल सोनकर को ही चुनाव में हराया था. एक बार फिर दोनों ही प्रतिद्वंदी आमने-सामने हैं.
जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा: 2018 में कांग्रेस के विनय सक्सेना ने जीत हासिल की थी. कांग्रेस के विनय सक्सेना ने भारतीय जनता पार्टी के नेता शरद जैन को हराया था, लेकिन इस बार उनका मुकाबला मध्य प्रदेश के पूर्व युवा मोर्चा अध्यक्ष अभिलाष पांडे से है.
जबलपुर कैंट: जबलपुर कैंट विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की ओर से अशोक रोहानी चुनाव मैदान में हैं. 2018 में अशोक रोहानी ने आलोक मिश्रा को मात दी थी. इस बार अशोक रोहिणी के खिलाफ युवा नेता अभिषेक चौकसे चुनाव मैदान में हैं.
बरगी विधानसभा: जबलपुर की बरगी विधानसभा में 2018 में कांग्रेस के संजय यादव ने जीत हासिल की थी. इस बार भी कांग्रेस की ओर से संजय यादव और भारतीय जनता पार्टी की ओर से नीरज सिंह चुनाव मैदान में है. 2018 में संजय यादव ने नीरज सिंह की मां प्रतिभा सिंह को चुनाव में हराया था.
पनागर विधानसभा: पनागर विधानसभा वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के पास है. यहां से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुशील तिवारी इंदू ने 2018 में भारतीय जनता पार्टी के ही बागी निर्दलीय प्रत्याशी भारत यादव को हराया था इस बार मुकाबला कांटे का है और कांग्रेस ने राजेश पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है.
पाटन विधानसभा: जबलपुर ग्रामीण की पाटन विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता अजय बिश्नोई की साख दांव पर लगी हुई है. 2018 में अजय विश्नोई और नीलेश अवस्ती के बीच ही फाइट हुई थी और अजय विश्नोई ने जीत हासिल की थी. एक बार फिर दोनों ही परंपरागत प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने हैं, यहां भी मुकाबला कांटे का है.
सिहोरा विधानसभा: जबलपुर की सिहोरा विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा है. इसी विधानसभा में दोनों ही प्रत्याशी नए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने यहां से संतोष वरकड़े को चुनाव मैदान में उतारा है. संतोष जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. वहीं कांग्रेस ने एकता ठाकुर को चुनाव मैदान में उतरा एकता ठाकुर युवा छात्र नेता रही है और इन्होंने भी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता था.
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इस बार चुनाव मैदान में कुछ पुराने चेहरे हैं जिन्हें जनता कई बार आजमा चुकी है वहीं कुछ बिल्कुल नये नेता हैं इनमें कुछ युवा नेता हैं और एक मात्र महिला उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में है जनता किसे चुनेगी और किसे ठुकराएगी.