जबलपुर। लोकायुक्त पुलिस ने सिहोरा नगर पालिका परिषद में छापा मारते हुए सहायक ग्रेड 3 कर्मचारी को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. कर्मचारी ने बिल पास करने के एवज में रिश्वत की मांग की थी. इसकी शिकायत फरियादी ने जबलपुर लोकायुक्त से की थी. इसके बाद लोकायुक्त की टीम ने ट्रैप करके नगर पालिका परिषद में पदस्थ कर्मचारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
2 साल नहीं कर रहा था बिल पास
शिकायतकर्ता देवेंद्र साहू नगर पालिका परिषद में सप्लाई का काम करता था. देवेन्द्र ने बताया कि "नगर पालिका में हैंडपंप और नल से संबंधित कामों को मुझे ही दिया जाता था. करीब 2 साल से मेरा लाखों का बिल नगर पालिका परिषद में रुका हुआ था. इन्हीं बिल को पास करने के लिए नगर पालिका कर्मचारी संतोष दहिया 5% के हिसाब से 35 हजार रुपए का कमीशन मांग रहा था."
![रिश्वत लेते का आरोपी संतोष दहिया](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/13428430_717_13428430_1634906498761.png)
फरियादी पहले दे चुका है 5 हजार रुपए
संतोष दहिया लगातार देवेंद्र साहू को कमीशन देने के लिए परेशान कर रहा था. इसकी शिकायत फरियादी ने जबलपुर लोकायुक्त से की थी. इसके बाद लोकायुक्त की टीम ने नगर पालिका कर्मचारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ने की तैयारी की. फरियादी ने बताया कि वह आरोपी को पहले ही 5 हजार रुपए का भुगतान कर चुका है, दूसरी किश्त के रूप में वह 20 हजार रुपए दे रहा था.
पहले भी निलंबित हो चुका है संतोष दहिया
इधर नगर पालिक का कर्मचारी संतोष दहिया पहले भी इस तरह के कामों के चलते निलंबित हो चुका है. एक महीने पहले ही काम में लापरवाही बरतने और लोगों से पैसों की डिमांड करने के चलते CMO ने उसे निलंबित कर स्थापना विभाग में अटैच कर दिया था. लेकिन फिर भी संतोष दहिया इस तरह के काम करने से बाज नहीं आ रहा था.