जबलपुर। उप पुलिस अधीक्षक गोपाल खांडेल ने बताया कि थाना क्षेत्र के कसही गांव में रहने बाले मुन्नालाल प्रजापति मानसिक रूप से कमजोर हो गए थे. इस कारण मुन्ना घर में सोते-उठते, खाना खाते वक्त अचानक लैट्रिन व बाथरूम कर देता था. पिता द्वारा की गई गंदगी को आरोपी पुत्र को ही साफ करनी पड़ती थी. पुत्र गंदगी साफ करते -करते परेशान हो गया. एक दिन पुत्र ने पिता की हत्या करने का पूरा प्लान तैयार कर लिया और मौका देखते ही पिता की चाकुओं से गोदकर निर्मम हत्या कर दी और लाश झाड़ियों में फेंक दी.
चेहरे पर किया चाकू से हमला : गौरतलब है कि 26 नवम्बर को मृतक मुन्नालाल प्रजापति रांझी से मजदूरी कर घर के लिए रवाना हुआ. तभी झुरझुरू नहर पुल से अपने गांव कसही के लिए मुड़ा तभी उसका बेटा ब्रजेन्द्र उर्फ बिज्जू वहां उसे मिल गया. इससे पहले कि पिता कुछ समझ पाता बेटे ब्रजेन्द्र ने चेहरे पर चाकू से हमला कर दिया. हमला होते ही मुन्नालाल गिर गया. ब्रजेन्द्र ने पैर से गला दबाकर पिता मुन्नालाल की हत्या कर दी. हत्या के बाद आरोपी ब्रजेन्द्र गांव पहुंचा और लोडिंग वाहन में डीजे लोड करके अपने काम के लिए रवाना ही गया.
पत्नी ने देखा पति का शव : उसी दिन मृतक की पत्नी गुड्डीबाई सहित अन्य लोगों ने झुरझुरु नहर के पास लाश देखी तो इसकी खबर पुलिस को दी. जांच के दौरान पुलिस से मृतक मुन्नालाल की पत्नी गुड्डीबाई प्रजापति ने बताया कि 26 नवम्बर को वह और पति मुन्नालाल साथ में ही काम करने के लिए निकले थे. वह गौरव शर्मा की साइट पर ठेकेदार वीरेन्द्र महोबिया के साथ काम करने चली गई. पति मजदूरी करने के लिए रांझी निकल गए. शाम को गांव के राहुल गौड़ के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर घर के लिए रवाना हुई.
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सख्ती से पूछताछ की तो जुर्म कबूला : जब वह झुरझुरु नहर पुल से आगे बढ़ी तो पति मुन्नालाल को मृत हालत में देखा हतप्रभ रह गई. पुलिस ने मामले में मुन्नालाल के बेटे ब्रजेन्द्र से पूछताछ की तो उसने पुलिस को गुमराह करते हुए बताया कि रिछाई फैक्टरी से माल लोडकर छिंदवाड़ा जाने निकला था. भेड़ाघाट रोड से जब वह गुजर रहा था तो खबर मिली कि पिता की मौत हो गई है. इस पर वह भेड़ाघाट में ही वाहन खड़ा कर घर पहुंच गया. जबकि पुलिस को पता चला चला था कि घटना के दिन ब्रजेंद्र ग्राम निपनिया की गाड़ी में डीजे लोड करवा रहा था. इस दौरान वह दो घंटे के लिए गायब हो गया था. पुलिस ने ब्रजेन्द्र को थाना लाकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने पिता मुन्नालाल की हत्या करना स्वीकार लिया.