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Jabalpur Hospital की बड़ी लापरवाही, मरीज को चढ़ाया गलत खून, कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश

जबलपुर के एक अस्पताल से महिला की जान से खिलवाड़ का मामला सामने आया है. यहां महिला को गलत खून चढ़ाया गया जिसकी वजह से उसकी किडनी खराब हो गई. ये मामला शिकायतकर्ता ने कलेक्टर को बताया है. जिसके बाद कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं.

jabalpur galaxy hospital patient give wrong blood
जबलपुर गैलेक्सी अस्पताल में मरीज को चढ़ाया गलत खून
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Published : Oct 29, 2022, 3:41 PM IST

Updated : Oct 31, 2022, 12:52 PM IST

जबलपुर। निजी अस्पताल से मरीजों की जान से खिलवाड़ का एक मामला सामने आया है. जहां गलत खून चढ़ाने से एक महिला जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है. शहर के उखरी इलाके में संचालित प्रायवेट अस्पताल में भर्ती नरसिंहपुर की एक महिला मरीज का डॉक्टरों ने ऐसा इलाज किया कि मरीज अब जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है. अस्पताल में ब्लड जैसे मामूली जांच में भी इस कदर की लापरवाही बरती गई कि महिला की किडनी खराब हो गई. ऐसा शिकायतकर्ता का कहना है.

जांच के दौरान महिला की किडनी खराब: नरसिंहपुर की रहने वाली सविता कौरव नाम की महिला को लगातार दस्त की शिकायत पर प्रायवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां डॉक्टरों ने शुरुआती जांच की और उसके बाद परिजनों को बताया कि महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है. लिहाजा खून का चढ़ाया जाना बेहद जरूरी है, इसके लिए अस्पताल के पैथोलॉजी से खून की जांच कर महिला का ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव बताया गया. एबी पॉजिटिव रक्त की आवश्यकता पड़ने पर परिजनों ने एबी पॉजिटिव रक्त की व्यवस्था कराई और महिला को खून चढ़ाया गया. (jabalpur hospital big mistake)

डॉक्टरों ने चढ़ाया गलत खून: शिकायकर्ता का कहना है कि, खून चढ़ने के बाद से मरीज की हालत लगातार बिगड़ती चली गई. जिसके बाद महिला को डिस्चार्ज करा कर एक अन्य निजी चिकित्सक के जरिए इलाज शुरू कराया गया. यहां डॉक्टर ने मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए तत्काल नागपुर में इलाज कराने की सलाह दी. जैसे ही परिजन महिला को लेकर नागपुर पहुंचे तो वहां विभिन्न जांचों के बाद पता चला कि मरीज की किडनी खराब हो चुकी है.

पांच मरीजों की मौत पर जारी हुए नोटिस को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती

परिजनों से अस्पताल की शिकायत कलेक्टर से की: शिकायकर्ता ने आगे बताया कि, नागपुर के अस्पताल में खून की जांच में एक और चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई कि मरीज का ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव नहीं बल्कि ओ पॉजिटिव है. ब्लड ग्रुप बदलने और दूसरे ग्रुप का खून चढ़ाने से ही मरीज की हालत बिगड़ गई और इसका सीधा असर उसकी किडनी पर पड़ा. उनका कहना है कि, महिला को गलत खून चढ़ाया गया था जिसकी वजह से उसकी ये हालत है. इसकी शिकायत परिजनों ने कलेक्टर को कर दी है.

कलेक्टर ने तीन दिन का सीएमएचओ को किया समय: परिजनों की शिकायत पर कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी ने तत्काल ही मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने 3 दिन में पूरी रिपोर्ट तलब की है. कलेक्टर ने कहा कि वे खुद भी इस पूरे प्रकरण की मॉनिटरिंग करेंगे और दोषी पाए जाने पर अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. इस के साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, महिला की किडनी गलत खून चढ़ाने की वजह से खराब हुई है या नहीं ये जांच के बाद ही पता चलेगा. (jabalpur collector doctor ilaiah raja t)

जबलपुर। निजी अस्पताल से मरीजों की जान से खिलवाड़ का एक मामला सामने आया है. जहां गलत खून चढ़ाने से एक महिला जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है. शहर के उखरी इलाके में संचालित प्रायवेट अस्पताल में भर्ती नरसिंहपुर की एक महिला मरीज का डॉक्टरों ने ऐसा इलाज किया कि मरीज अब जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है. अस्पताल में ब्लड जैसे मामूली जांच में भी इस कदर की लापरवाही बरती गई कि महिला की किडनी खराब हो गई. ऐसा शिकायतकर्ता का कहना है.

जांच के दौरान महिला की किडनी खराब: नरसिंहपुर की रहने वाली सविता कौरव नाम की महिला को लगातार दस्त की शिकायत पर प्रायवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां डॉक्टरों ने शुरुआती जांच की और उसके बाद परिजनों को बताया कि महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है. लिहाजा खून का चढ़ाया जाना बेहद जरूरी है, इसके लिए अस्पताल के पैथोलॉजी से खून की जांच कर महिला का ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव बताया गया. एबी पॉजिटिव रक्त की आवश्यकता पड़ने पर परिजनों ने एबी पॉजिटिव रक्त की व्यवस्था कराई और महिला को खून चढ़ाया गया. (jabalpur hospital big mistake)

डॉक्टरों ने चढ़ाया गलत खून: शिकायकर्ता का कहना है कि, खून चढ़ने के बाद से मरीज की हालत लगातार बिगड़ती चली गई. जिसके बाद महिला को डिस्चार्ज करा कर एक अन्य निजी चिकित्सक के जरिए इलाज शुरू कराया गया. यहां डॉक्टर ने मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए तत्काल नागपुर में इलाज कराने की सलाह दी. जैसे ही परिजन महिला को लेकर नागपुर पहुंचे तो वहां विभिन्न जांचों के बाद पता चला कि मरीज की किडनी खराब हो चुकी है.

पांच मरीजों की मौत पर जारी हुए नोटिस को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती

परिजनों से अस्पताल की शिकायत कलेक्टर से की: शिकायकर्ता ने आगे बताया कि, नागपुर के अस्पताल में खून की जांच में एक और चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई कि मरीज का ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव नहीं बल्कि ओ पॉजिटिव है. ब्लड ग्रुप बदलने और दूसरे ग्रुप का खून चढ़ाने से ही मरीज की हालत बिगड़ गई और इसका सीधा असर उसकी किडनी पर पड़ा. उनका कहना है कि, महिला को गलत खून चढ़ाया गया था जिसकी वजह से उसकी ये हालत है. इसकी शिकायत परिजनों ने कलेक्टर को कर दी है.

कलेक्टर ने तीन दिन का सीएमएचओ को किया समय: परिजनों की शिकायत पर कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी ने तत्काल ही मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने 3 दिन में पूरी रिपोर्ट तलब की है. कलेक्टर ने कहा कि वे खुद भी इस पूरे प्रकरण की मॉनिटरिंग करेंगे और दोषी पाए जाने पर अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. इस के साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, महिला की किडनी गलत खून चढ़ाने की वजह से खराब हुई है या नहीं ये जांच के बाद ही पता चलेगा. (jabalpur collector doctor ilaiah raja t)

Last Updated : Oct 31, 2022, 12:52 PM IST
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