जबलपुर। कोरोना सक्रमण के दौरान पूरे प्रदेश के सभी ब्लड बैंकों में खून की भारी कमी है, जिसे लेकर एक याचिका लगाई गई थी. जिसे लेकर चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने सरकार से जवाब मांगा है, कि सरकार ने अब तक कितने ब्लड डोनेशन कैंप लगाये हैं. युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 31 मई तक निर्धारित की है.
सरकार पर लगा उदासीनता बरतने का आरोप
दायर याचिका में कहा गया है कि केन्द्र सरकार के जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है. चीफ जस्टिस रफीक की युगलपीठ ने सरकार से पूछा है कि उन्होंने अब तक कितने ब्लड डोनेशन कैंप लगाये हैं. इस संबंध में सरकार जवाब दे.
31 मई को होगी अगली सुनवाई
अप्रैल 2018 में केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री ने सभी प्रदेशों को निर्देश जारी किये थे कि ई-पोर्टल रक्त कोष में उपलब्ध ब्लड और ब्लड डोनेट कैंप के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराए. प्रदेश सरकार ने पोर्टल में ब्लड कैंप के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी. इसके अलावा रक्तदान के लिए किसी प्रकार का जागरूकता अभियान भी नहीं चलाया जा रहा. याचिका में 5 मार्च को गाइडलाइन जारी की गयी थी, कि कोरोना वैक्सीनेशन कराने वाले व्यक्ति 28 दिनों तक ब्लड डोनेट नहीं कर सकता है. 5 मई को वैक्सीनेशन कराने के 14 दिन बाद रक्तदान करने के संबंध में नई गाइडलाइन जारी की गयी थी. इस संबंध में सरकार ने किसी प्रकार का प्रचार-प्रसार नहीं किया, ब्लड डोनेड के लिए कोरोना पास जारी नहीं किये जा रहे हैं. याचिका में कहा गया था, कि सरकार ब्लड बैंक को 50 से 60 यूनिट ब्लड रिर्जव रखने के निर्देश दिये हैं.