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रेन वाटर हार्वेस्टिंग नियम का नहीं हो रहा पालन, हाईकोर्ट केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब

रेन वॉटर हार्वेस्टिंग पर जबलपुर हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर मंगलवार को जबलपुर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है. 20 जुलाई को मामले की अगली सुनावाई होगी.

jabalpur high courts issued notice to central and state government regarding rain water harvesting
रेन वाटर हार्वेस्टिंग नियम का नहीं हो रहा पालन, जबलपुर हाईकोर्ट में मांगा केंद्र और राज्य सरकार से जवाब
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Published : Jul 1, 2020, 2:21 AM IST

जबलपुर। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के निर्धारित नियमों का पालन नहीं किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि रेन-वॉटर हार्वेस्टिंग नहीं किये जाने के कारण भूमि के जल स्तर में लगातार गिरावट आ रही है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल तथा जस्टिस बीके श्रीवास्तव की युगलपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 20 जुलाई को निर्धारित की गयी है.

jabalpur high courts issued notice to central and state government regarding rain water harvesting
रेन वाटर हार्वेस्टिंग नियम का नहीं हो रहा पालन, जबलपुर हाईकोर्ट में मांगा केंद्र और राज्य सरकार से जवाब

अधिवक्ता आदित्य संघी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि संविधान की धारा 21 के तहत लोगों को राइट टू लाइफ का अधिकार मिला है. जीवन सहित अन्य जीव-जन्तु के जीने के लिए पानी जरुरी है. पानी के बिना जीवन संभव नहीं है तथा भूमि का जल स्थल लगातार नीचे गिरता जा रहा है. प्रदेश में भूमि का जल स्तर पांच सौ मीटर नीचे तक पहुंच गया है. प्रदेश के कई जिलों में लोगों को पानी के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पडती है.

याचिका में कहा गया है कि भूमि विकास नियम के तहत रेन-वॉटर-हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने पर ही मकान का नक्षा स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है. नियम का कड़ाई से पालन नहीं किये जाने के कारण जबलपुर शहर में ही बारिश के मौसम में अरबों लीटर पानी नाले-नाली के माध्यम से व्यर्थ में बह जाता है, यह स्थिति पूरे प्रदेश की है.

नगर निगम रेन-वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए निर्धारित शुल्क लेती है परंतु यह सिर्फ कागजों तक में सीमित है. याचिका में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार को अनावेदक बनाया गया है. युगलपीठ ने मंगलवार को सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष स्वंय रखा.

जबलपुर। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के निर्धारित नियमों का पालन नहीं किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि रेन-वॉटर हार्वेस्टिंग नहीं किये जाने के कारण भूमि के जल स्तर में लगातार गिरावट आ रही है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल तथा जस्टिस बीके श्रीवास्तव की युगलपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 20 जुलाई को निर्धारित की गयी है.

jabalpur high courts issued notice to central and state government regarding rain water harvesting
रेन वाटर हार्वेस्टिंग नियम का नहीं हो रहा पालन, जबलपुर हाईकोर्ट में मांगा केंद्र और राज्य सरकार से जवाब

अधिवक्ता आदित्य संघी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि संविधान की धारा 21 के तहत लोगों को राइट टू लाइफ का अधिकार मिला है. जीवन सहित अन्य जीव-जन्तु के जीने के लिए पानी जरुरी है. पानी के बिना जीवन संभव नहीं है तथा भूमि का जल स्थल लगातार नीचे गिरता जा रहा है. प्रदेश में भूमि का जल स्तर पांच सौ मीटर नीचे तक पहुंच गया है. प्रदेश के कई जिलों में लोगों को पानी के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पडती है.

याचिका में कहा गया है कि भूमि विकास नियम के तहत रेन-वॉटर-हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने पर ही मकान का नक्षा स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है. नियम का कड़ाई से पालन नहीं किये जाने के कारण जबलपुर शहर में ही बारिश के मौसम में अरबों लीटर पानी नाले-नाली के माध्यम से व्यर्थ में बह जाता है, यह स्थिति पूरे प्रदेश की है.

नगर निगम रेन-वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए निर्धारित शुल्क लेती है परंतु यह सिर्फ कागजों तक में सीमित है. याचिका में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार को अनावेदक बनाया गया है. युगलपीठ ने मंगलवार को सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष स्वंय रखा.

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