जबलपुर। कैंट बोर्ड जबलपुर द्वारा एंट्री टैक्स वसूले जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान कैंट बोर्ड की तरफ से बताया गया कि जीएसटी के अंतर्गत आने के बाद एंट्री शुल्क लेना बंद कर दिया गया है. अब कैंट बोर्ड द्वारा एंट्री टैक्स लिया जा रहा है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस पीके कौरव की युगलपीठ ने कोर्ट बोर्ड के सीईओ को निर्देशित किया है कि यह बताएं कि किस अधिकार के तहत एंट्री टैक्स वसूला जा रहा है. व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब पेश करें. याचिका पर अगली सुनवाई बुधवार 23 मार्च को निर्धारित की गयी है.
एंट्री फीस की जगह एंट्री टैक्स कर दिया : सदर निवासी साहिल अग्रवाल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि कैंट बोर्ड के एंट्री शुल्क का विलय जीएसटी में हो गया है. इसके बावजूद जबलपुर कैंट बोर्ड एंट्री टैक्स वसूल रहा है. याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि इस संबंध में दिशा-निर्देश प्राप्त करने के लिए रक्षा विभाग को पत्र लिखा गया है. पिछली सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने जवाब पेश करने के लिए अंतिम अवसर प्रदान किया था. याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कैंट बोर्ड की तरफ से पेश किये गये जवाब में बताया गया कि जीएसटी के अंतर्गत आने के बाद एंट्री शुल्क बंद किया गया है. अब उनके द्वारा एंट्री टैक्स वसूला जा रहा है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने पैरवी की. (high court strict on Cantt Board)