जबलपुर। हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई 30 हजार रुपए की लागत मूल्य जमा करने के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव, नगरीय प्रशासन व विकास विभाग के प्रमुख सचिव, कलेक्टर व एसपी भोपाल को चार सप्ताह की मोहलत मिली है. उनके खिलाफ हाईकोर्ट में रिव्यू याचिका दायर की गयी थी. जिसकी सुनवाई के बाद युगलपीठ ने याचिका खारिज दी. हाईकोर्ट के जस्टिस नागू व वीरेंद्र सिंह की युगलपीठ से अनावेदकों ने लागत मूल्य जमा करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया था. जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने चार सप्ताह की मोहलत प्रदान की है. (Jabalpur High Court News, petition to remove former cm arjun singh statue)
पूर्व सीएम अर्जुन सिंह की मूर्ति हटाने की याचिका: भोपाल के टीटी नगर लिंक रोड पर चौक के बीचों-बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की दस फिट की मूर्ति हटाए जाने को लेकर हाईकोर्ट में जबलपुर निवासी जैन ने चुनौती दी थी. याचिका में यातायात और ट्रैफिक व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा गया था कि जिस स्थान से शहीद चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति पूर्व में हटाई गई थी, वहीं पर अब पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की मूर्ति स्थापित की जा रही है. याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2013 में आदेश पारित किया था कि सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथ, साइड-वे व जनमानस के उपयोग में आने वाली भूमि में मूर्ति स्थापित की अनुमति न दी जाये. याचिका में प्रदेश के मुख्य सचिव, नगरीय प्रशासन व विकास विभाग के प्रमुख सचिव तथा कलेक्टर व एसपी भोपाल को अनावेदक बनाया गया था.
कोर्ट ने चार सप्ताह की मोहलत दी: याचिका की सुनवाई के दौरान पेश किये गये जवाब में कहा गया था कि याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी है. पेशे से अधिवक्ता है. सस्ती लोकप्रियता हासिल करने व एक विशेष एजेंडे के तहत उनकी तरफ से याचिका दायर की गयी है. जिस स्थान पर शहीद चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति लगाई थी. उस स्थान पर पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की प्रतिमा लगाई गयी है. युगलपीठ ने 3 मार्च 2022 को पारित आदेश में मूर्ति को हटाने आदेश जारी करते हुए 30 हजार रुपये की कॉस्ट भी लगाई है. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि लागत राशि चारों जिम्मेदार एक सामान्य जमा करें. युगलपीठ ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता की छवि धूमिल करने के लिए दस हजार रुपये की राशि प्रदान करने व 20 हजार रुपये की राशि विधिक सहायता प्राधिकरण में जमा करने के भी निर्देश जारी किये थे. लागत मूल्य जमा करने के लिए न्यायालय ने 30 दिनों का समय प्रदान किया था. जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में रिन्यू याचिका दायर की गयी थी. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद 6 मई को रिव्यू याचिका खारिज कर दी थी. मुख्य याचिका की सुनवाई के दौरान अनावेदकों की तरफ से लागत मूल्य जमा करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया था. जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने चार सप्ताह की मोहलत प्रदान की है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सतीश वर्मा ने पैरवी की. (Jabalpur High Court News , petition to remove former cm arjun singh statue)