ETV Bharat / state

High Court News: मेडिकल स्पेशलिस्ट भर्ती पर अदालत का सरकार को निर्देश,चयन प्रक्रिया जारी रखें, नियुक्ति पत्र पर लगाई रोक - चयन प्रक्रिया जारी रखें

जबलपुर हाईकोर्ट की एकलपीठ ने मेडिकल विशेषज्ञ भर्ती प्रक्रिया में नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी है. साथ ही अदालत ने राहत के तहत चयन प्रक्रिया जारी रखने के आदेश भी है. इस मामले में अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी.

medical specialist recruitment process
मेडिकल स्पेशलिस्ट भर्ती पर अदालत का सरकार को निर्देश,चयन प्रक्रिया जारी रखें
author img

By

Published : Feb 7, 2023, 8:29 PM IST

जबलपुर। हाईकोर्ट ने प्रदेश भर में हो रही मेडिकल स्पेशलिस्ट की भर्ती के मामले में न्याय संगत राहत के तहत चयन प्रक्रिया जारी रखने के आदेश तो दिए हैं, लेकिन नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी. जस्टिस आनंद पाठक की एकलपीठ ने कहा कि यदि अगली सुनवाई तक सरकार जवाब पेश नहीं करती तो अंतरिम राहत के मुद्दे पर सुनवाई होगी. मामले पर अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी.

सरकार ने जारी किए थे तीन विज्ञापनः राज्य सरकार ने जुलाई व अगस्त में प्रदेश भर में चिकित्सा विशेषज्ञों की खाली पड़ी सीटों पर भर्ती के लिए तीन विज्ञापन जारी किए थे. इसमें वॉक-इन इंटरव्यू के जरिए पुराने नियम से चयन किया जा रहा है. विज्ञापन जारी होने के कुछ दिन बाद यानी 28 अगस्त 2022 को भर्ती नियमों में संशोधन कर दिया. संशोधित नियमों के अनुसार ये पद अब प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से होना चाहिए. जबलपुर की डॉ. जोया खान समेत अलग-अलग जिलों के 14 चिकित्सकों ने याचिका दायर कर उक्त विज्ञापन को चुनौती दी. याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि यदि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत यदि भर्ती प्रक्रिया के दौरान नियमों में बदलाव होता है तो भी संशोधित रूल्स के तहत ही नियुक्तियां की जानी चाहिए. याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई कि एक ओर सरकार चयन प्रक्रिया जारी रखे है और दूसरी ओर कोर्ट में जवाब पेश नहीं कर रही है. ऐसे में यदि नियुक्तियां होती हैं तो याचिकाकर्ताओं की वरिष्ठता प्रभावित होगी. शासन की ओर से अंडरटेकिंग दी गई कि अगली सुनवाई तक जवाब पेश कर दिया जाएगा. जिसके बाद न्यायालय ने उक्त व्यवस्थ दी है. याचिकाकर्ताओ की ओर से अधिवक्ता समदर्शी तिवारी ने पक्ष रखा.

Jabalpur High Court News: रिजल्ट देरी में छात्रों का दोष नहीं, कोर्ट ने संबंधित विभागों को जारी किया नोटिस

अर्जुन सिंह की मूर्ति के खिलाफ याचिकाः एक केस में हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस वीरेन्द्र सिंह की युगलपीठ को बताया गया कि प्रदेश के मुख्य सचिव, नगरीय प्रषासन व विकास विभाग के प्रमुख सचिव तथा कलेक्टर व एसपी भोपाल ने न्यायालय में एसएलपी दायर की है. न्यायालय में दायर याचिका में डिफाॅल्ट निर्धारित 90 दिन की अवधि में दूर नहीं किया गया है. जिसके कारण उक्त याचिका प्रभावहीन हो गयी है. युगलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को काॅस्ट की राशि जमा करने के लिए समय प्रदान करते हुए अगली सुनवाई 3 मार्च को निर्धारित की है. गौरतलब है कि भोपाल के टीटी नगर लिंक रोड पर चैक के बीचों-बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की दस फिट की मूर्ति लगाए जाने को हाईकोर्ट में जबलपुर निवासी जी जैन ने चुनौती दी थी. याचिका में यातायात और ट्रैफिक व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा गया था कि जिस स्थान से शहीद चन्द्रशेखर आजाद की मूर्ति पूर्व में हटाई गई थी. वहीं पर अब पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की मूर्ति स्थापित की जा रही है. याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2013 में आदेश पारित किया था कि सार्वजनिक सड़कों,फुटपाथ,साइड-वे तथा जनमानस के उपयोग में आने वाली भूमि में मूर्ति स्थापित की अनुमति नहीं दी जाये.

गैरेज व सर्विस सेंटरों के खिलाफ जनहित याचिकाः शहर की सड़कों में दुकानों के सामने गैरेज व सर्विस सेंटर के संचालन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट मे जनहित याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को बताया गया कि 90 प्रतिशत दुकानों को मैकेनिक जोन में शिफ्ट कर दिया है. युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए अपने आदेश में कहा है कि अन्य दुकानों पर सुनिश्चित रूप से कार्यवाही करें. युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को स्वतंत्रता दी है कि पुनः ऐसी स्थिति निर्मित होने पर वह याचिका दायर करने को स्वतंत्र है. नगर निगम की तरफ से युगलपीठ के समक्ष उक्त जानकारी पेश की गयी. युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए उक्त आदेश जारी किये हैं. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा.

जबलपुर। हाईकोर्ट ने प्रदेश भर में हो रही मेडिकल स्पेशलिस्ट की भर्ती के मामले में न्याय संगत राहत के तहत चयन प्रक्रिया जारी रखने के आदेश तो दिए हैं, लेकिन नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी. जस्टिस आनंद पाठक की एकलपीठ ने कहा कि यदि अगली सुनवाई तक सरकार जवाब पेश नहीं करती तो अंतरिम राहत के मुद्दे पर सुनवाई होगी. मामले पर अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी.

सरकार ने जारी किए थे तीन विज्ञापनः राज्य सरकार ने जुलाई व अगस्त में प्रदेश भर में चिकित्सा विशेषज्ञों की खाली पड़ी सीटों पर भर्ती के लिए तीन विज्ञापन जारी किए थे. इसमें वॉक-इन इंटरव्यू के जरिए पुराने नियम से चयन किया जा रहा है. विज्ञापन जारी होने के कुछ दिन बाद यानी 28 अगस्त 2022 को भर्ती नियमों में संशोधन कर दिया. संशोधित नियमों के अनुसार ये पद अब प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से होना चाहिए. जबलपुर की डॉ. जोया खान समेत अलग-अलग जिलों के 14 चिकित्सकों ने याचिका दायर कर उक्त विज्ञापन को चुनौती दी. याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि यदि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत यदि भर्ती प्रक्रिया के दौरान नियमों में बदलाव होता है तो भी संशोधित रूल्स के तहत ही नियुक्तियां की जानी चाहिए. याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई कि एक ओर सरकार चयन प्रक्रिया जारी रखे है और दूसरी ओर कोर्ट में जवाब पेश नहीं कर रही है. ऐसे में यदि नियुक्तियां होती हैं तो याचिकाकर्ताओं की वरिष्ठता प्रभावित होगी. शासन की ओर से अंडरटेकिंग दी गई कि अगली सुनवाई तक जवाब पेश कर दिया जाएगा. जिसके बाद न्यायालय ने उक्त व्यवस्थ दी है. याचिकाकर्ताओ की ओर से अधिवक्ता समदर्शी तिवारी ने पक्ष रखा.

Jabalpur High Court News: रिजल्ट देरी में छात्रों का दोष नहीं, कोर्ट ने संबंधित विभागों को जारी किया नोटिस

अर्जुन सिंह की मूर्ति के खिलाफ याचिकाः एक केस में हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस वीरेन्द्र सिंह की युगलपीठ को बताया गया कि प्रदेश के मुख्य सचिव, नगरीय प्रषासन व विकास विभाग के प्रमुख सचिव तथा कलेक्टर व एसपी भोपाल ने न्यायालय में एसएलपी दायर की है. न्यायालय में दायर याचिका में डिफाॅल्ट निर्धारित 90 दिन की अवधि में दूर नहीं किया गया है. जिसके कारण उक्त याचिका प्रभावहीन हो गयी है. युगलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को काॅस्ट की राशि जमा करने के लिए समय प्रदान करते हुए अगली सुनवाई 3 मार्च को निर्धारित की है. गौरतलब है कि भोपाल के टीटी नगर लिंक रोड पर चैक के बीचों-बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की दस फिट की मूर्ति लगाए जाने को हाईकोर्ट में जबलपुर निवासी जी जैन ने चुनौती दी थी. याचिका में यातायात और ट्रैफिक व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा गया था कि जिस स्थान से शहीद चन्द्रशेखर आजाद की मूर्ति पूर्व में हटाई गई थी. वहीं पर अब पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की मूर्ति स्थापित की जा रही है. याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2013 में आदेश पारित किया था कि सार्वजनिक सड़कों,फुटपाथ,साइड-वे तथा जनमानस के उपयोग में आने वाली भूमि में मूर्ति स्थापित की अनुमति नहीं दी जाये.

गैरेज व सर्विस सेंटरों के खिलाफ जनहित याचिकाः शहर की सड़कों में दुकानों के सामने गैरेज व सर्विस सेंटर के संचालन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट मे जनहित याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को बताया गया कि 90 प्रतिशत दुकानों को मैकेनिक जोन में शिफ्ट कर दिया है. युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए अपने आदेश में कहा है कि अन्य दुकानों पर सुनिश्चित रूप से कार्यवाही करें. युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को स्वतंत्रता दी है कि पुनः ऐसी स्थिति निर्मित होने पर वह याचिका दायर करने को स्वतंत्र है. नगर निगम की तरफ से युगलपीठ के समक्ष उक्त जानकारी पेश की गयी. युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए उक्त आदेश जारी किये हैं. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.