जबलपुर। जबलपुर हाई कोर्ट में एक अधिवक्ता के मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. अधिवक्ता अनुराग साहू ने अपने घर में आत्महत्या की है. जस्टिस संजय द्विवेदी की कोर्ट में संदीप अयाची के मामले में सुनवाई चल रही थी. इसी दौरान दो वकीलों के बीच हुई बहस के बाद एक दूसरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई. जिसके बाद नाराज एडवोकेट अनुराग साहू अपने घर चले और वहां जाकर उन्होंने खुदकुशी की. इस घटना से गुस्साए वकील मृत एडवोकेट का शव लेकर बड़ी संख्या में हाई कोर्ट पहुंच गए. इसके बाद वहां जमकर हंगामा शुरू कर दिया. वकीलों ने कोर्ट के चेंबर में तोड़फोड़ करते की कोशिश की. सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और उत्पात मचा रहे वकीलों को खदेड़ा. गुस्साए वकीलों ने वहां बार काउंसिल के चेंबर में आग लगी दी. घटना की सूचना मिलते ही कोर्ट परिसर में भारी पुलिस फोर्स कोर्ट में तैनात कर दिया गया है.
बार काउंसिल चेंबर के पास तोड़फोड़, आगजनी: गुस्साए वकीलों ने जस्टिस संजय द्विवेदी की कोर्ट के बाहर तोड़फोड़ की कोशिश की गई. इसके बाद बार काउंसिल के चैंबर में आग लगा दी. इस दौरान आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को भी वकीलों ने अंदर जाने से रोक दिया. वकीलों के गुस्से के आगे प्रशासन के सारे इंतजाम फेल नजर आए. हालांकि फायर ब्रिगेड ने समय रहते आग पर काबू पा लिया. बताया जाता है कि गुस्साए वकीलों ने पत्रकारों के साथ मारपीट की है और कैमरे भी तोड़े हैं. पत्रकार राहुल मिश्रा जो एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र के लीगल रिपोर्टर हैं उनकी पिटाई भी की और कपड़े फाड़ दिए. उनका कहना है कि पूरे कैरियर में कोर्ट परिसर में वकीलों का ऐसा तांडव उन्होंने पहली बार देखा है.
लाठीचार्ज, आगजनी: हाईकोर्ट में हालात को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज किया. इसी दौरान प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने एडवोकेट मनीष दत्त के चैंबर में भी आग लगा दी. बताया जा रहा है कि हंगामा कर रहे अधिकतर वकील जिला कोर्ट के हैं.
क्या है पूरा मामला: दरअसल महिला आरक्षक के साथ दुष्कर्म करने के मामले में फरार चल रहे आरोपी थाना प्रभारी संदीप अयाची को लेकर कोर्ट में वकीलों में जिरह चल रही थी. संदीप अयाची की बेल को लेकर जस्टिस संजय द्विवेदी की कोर्ट में मामला चल रहा है. पीड़ित के वकील अनुराग साहू और और रेप के आरोपी पुलिस अधिकारी के वकील मनीष दत्त के बीच बहस हुई. मामला निजी आरोपों तक पहुंच गया. निजी आरोपों से आहत होकर एडवोकेट अनुराग साहू ने सुसाइड जैसा कदम उठा लिया. इस मामले में एक और नया मोड़ तब आया जब कोर्ट के लेटर बॉक्स में जज के नाम की एक चिट्ठी आई. ये मामला पहले का है. कहा गया कि इसमें कोर्ट को सूचित करते हुए आरोप लगाया गया था कि एक गैंग है जिसमें कुछ वकील भी शामिल हैं वो लड़कियों के साथ मिलकर लोगों पर रेप लगाने की साजिश रचते हैं. फिर मामले में समझौता होता है और पीड़ित को भारी रकम खर्च कर खुद को पाक साफ करना पड़ता है. बाद में इस सनसनिखेज आरोपों वाले पत्र को चीफ जस्टिस के पास अवलोकन के लिए भेजा गया जिसे जांच के लिए SP को दिया गया. कहा जा रहा है कि जिन्होने लेटर बॉक्स में पत्र रखा था वो CCTV में कैद हो गए थे जो फिलहाल पुलिस जांच के दायरे में है. इसकी स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई. इसमें किसी खास वकील या शख्स का नाम भी नहीं था.
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हाई कोर्ट परिसर छावनी में तब्दील : वकीलों के हंगामे की सूचना पाकर मौके पर भारी पुलिस भेजा गया. पूरा कोर्ट परिसर छावनी में तब्दील हो गया है. वकील लगातार नारेबाजी कर रहे हैं. धरने पर बैठे वकीलों के गुस्से के आगे पुलिस असहाय नजर आ रही है. वकीलों ने सुरक्षा अधिकारियों से भी हाथापाई की है. हालात बेकाबू होते देख एसटीएफ ने वहां मोर्चा संभाल लिया है. स्थिति को नियंत्रण में लाने और कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा. पुलिस अधीक्षक (SP Jabalpur) सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि घटना के दौरान कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए. उनका इलाज चल रहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या मृतक वकील ने सुसाइड नोट छोड़ा है, एसपी ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी उसके बाद ही किसी भी किस्म की टिप्पणी होगी. (Jabalpur High Court Hungama) (Jabalpur lawyer commits suicide) (Jabalpur Advocates Set Fire Bar Council Chamber)