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नए मास्टर प्लान मामले में दर्ज याचिका पर सुनवाई, केंद्रीय पर्यावरण विभाग को जारी किया गया नोटिस

भोपाल के नए मास्टर प्लान के संबंध में जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. युगलपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए केन्द्रीय पर्यावरण विभाग और नेशनल टाईगर कंजर्वेषन अथॉरिटी को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. पढ़िए पूरी खबर..

Notice issued to Environment Department and National Tiger Conservation Authority
नए मास्टर प्लान के संबंध में युगलपीठ ने आवेदन की सुनवाई करते हुए पर्यावरण विभाग और नेशनल टाईगर कंजर्वेषन को नोटिस जारी किया
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Published : Sep 16, 2020, 4:16 AM IST

जबलपुर। भोपाल के नए मास्टर प्लान के संबंध में जारी कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. मास्टर प्लान में बाघ के लिए संरिक्षत क्षेत्र और तालाब के जलग्रहण क्षेत्र को शामिल किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस व्ही के शुक्ला की युगलपीठ में आवेदन दायर की थी. जिसके बाद युगलपीठ ने आवेदन पर सुनवाई करते हुए केन्द्रीय पर्यावरण विभाग और नेशनल टाईगर कंजर्वेषन अथॉरिटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

भोपाल सिटीजन फोरम की तरफ से पूर्व डीजीपी अरूण गुर्टू की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि, भोपाल के नये मास्टर प्लॉन में ढाई सौ से ज्यादा गांव को शामिल किया जा रहा है. इसके अलावा आसपास बाघ के लिए संरिक्षत क्षेत्र तथा तालाब के जलग्रहण क्षेत्र को शामिल किया जा रहा है. एनटीसीए ने मास्टर प्लॉन में बाघ की लिए संरक्षित क्षेत्र को शामिल किये जाने का विरोध किया था. याचिका में यह भी कहा गया है कि आपत्तियों के निराकरण के लिए जो कमेटी गठित की गई है, उसका वैधानिक तौर पर कोई औचित्य नहीं है. महापौर सहित जिला पंचायत सदस्य, जनपथ सदस्य तथा ग्राम पंचायत के सरपंच का कार्याकाल पूरा हो चुका है.

याचिका में कहा गया था कि मास्टर प्लॉन के खिलाफ बड़ी संख्या में आपत्ति पेश की गई हैं. याचिकाकर्ता की तरफ से यह भी बताया गया कि 17 सौ अधिक आपत्ति पेश की गई हैं. इतनी बड़ी संख्या में आपत्ति की सुनवाई कोराना काल में संभव नहीं है. युगलपीठ ने पर्यावरण विभाग तथा एनटीसीए को नोटिस जारी करते हुए आपत्ति के संबंध में सरकार से जवाब मांगा है, याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता नमन नागरथ ने पैरवी की.

जबलपुर। भोपाल के नए मास्टर प्लान के संबंध में जारी कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. मास्टर प्लान में बाघ के लिए संरिक्षत क्षेत्र और तालाब के जलग्रहण क्षेत्र को शामिल किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस व्ही के शुक्ला की युगलपीठ में आवेदन दायर की थी. जिसके बाद युगलपीठ ने आवेदन पर सुनवाई करते हुए केन्द्रीय पर्यावरण विभाग और नेशनल टाईगर कंजर्वेषन अथॉरिटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

भोपाल सिटीजन फोरम की तरफ से पूर्व डीजीपी अरूण गुर्टू की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि, भोपाल के नये मास्टर प्लॉन में ढाई सौ से ज्यादा गांव को शामिल किया जा रहा है. इसके अलावा आसपास बाघ के लिए संरिक्षत क्षेत्र तथा तालाब के जलग्रहण क्षेत्र को शामिल किया जा रहा है. एनटीसीए ने मास्टर प्लॉन में बाघ की लिए संरक्षित क्षेत्र को शामिल किये जाने का विरोध किया था. याचिका में यह भी कहा गया है कि आपत्तियों के निराकरण के लिए जो कमेटी गठित की गई है, उसका वैधानिक तौर पर कोई औचित्य नहीं है. महापौर सहित जिला पंचायत सदस्य, जनपथ सदस्य तथा ग्राम पंचायत के सरपंच का कार्याकाल पूरा हो चुका है.

याचिका में कहा गया था कि मास्टर प्लॉन के खिलाफ बड़ी संख्या में आपत्ति पेश की गई हैं. याचिकाकर्ता की तरफ से यह भी बताया गया कि 17 सौ अधिक आपत्ति पेश की गई हैं. इतनी बड़ी संख्या में आपत्ति की सुनवाई कोराना काल में संभव नहीं है. युगलपीठ ने पर्यावरण विभाग तथा एनटीसीए को नोटिस जारी करते हुए आपत्ति के संबंध में सरकार से जवाब मांगा है, याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता नमन नागरथ ने पैरवी की.

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