जबलपुर। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि, एक सप्ताह में सरकार इस संबंध में हलफनामा प्रस्तुत नहीं करती है तो सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को तलब किया जायेगा. नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड की मध्य प्रदेश ब्रांच द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि मध्य प्रदेश में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 का पालन नहीं किया जा रहा है.
दिव्यांगों को आरक्षण का लाभ प्रदान करें: सर्वाेच्च न्यायालय ने आपने आदेश में कहा था कि, शारीरिक रूप से अक्षम लोगों की प्रत्येक कार्य में भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए. दिव्यांगजन अधिनियम 1995 में दिव्यांग व्यक्तियों को 6 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है. जिसमें से 2 प्रतिशत दृष्टिबाधित, 2 प्रतिशत श्रवणवाधित तथा 2 प्रतिशत शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों को आरक्षण दिया जाना है. हाईकोर्ट ने भी पूर्व में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा था कि नियुक्तियों में दिव्यांग व्यक्तियों को आरक्षण का लाभ प्रदान करें. नियुक्ति संबंधित विज्ञापन में उनकी पोस्ट का प्रकाशन किया जाये. नियुक्ति के संबंध में पोर्टल में समस्त जानकारी प्रकाशित की जाए.
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तय अवधि के बाद भी पेश नहीं की जानकारी: याचिका की सुनवाई के दौरान एकलपीठ को बताया गया कि, न्यायालय ने 10 फरवरी को अपने पारित आदेश में सरकार को निर्देशित किया था कि विकलांग को दी गयी नियुक्तियों, रिक्त सीट तथा रिक्त बैकलॉक सीट के संबंध में जानकारी पेश करें. पांच माह से अधिक का समय गुजर जाने के बावजूद भी सरकार की तरफ से कोई जानकारी पेश नहीं की गयी है. जिसे गंभीरता से लेते हुए एकलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये.