जबलपुर। रीवा जिले की हनुमना थानातंर्गत एक महिला को उसके पति व ससुरालवालों ने बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का हाईकोर्ट ने पटाक्षेप कर दिया है. जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्ष पूर्व आदेश के परिपालन में पुलिस ने कथित अपहृत महिला को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से पेश कराया. महिला ने बयानों में कहा कि उसे व उसके पांच साल के बेटे को ससुराल वाले दो माह से बंधक बनाकर जबरदस्ती रखे हुए हैं. वह उनके साथ नहीं रहना चाहती. वह माता-पिता के घर जाना चाहती है. बयानों के बाद न्यायालय ने महिला को सुरक्षित उसके माता-पिता के घर पहुंचाने के निर्देश दिये हैं.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई
यह मामला आशुतोष की ओर से दायर किया गया था. जिसमें उनके एक परिचित की महिला को रीवा हनुमना में उसका पति व ससुराल वाले जबरदस्ती बंधक बनाकर रखे हुए हैं. जहां उन्हें प्रताड़ित किया जाता है और मारपीट की जाती है. इतना ही नहीं उसका मोबाइल भी छीन लिया है. ताकि वह अपने मायके पक्ष के किसी से संपर्क न कर सके. पूर्व आदेश के परिपालन में हनुमना पुलिस ने महिला व उसके पति को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए न्यायालय के समक्ष पेश कराया.
महिला ने ससुरालियों पर लगाया प्रताड़ित करने का आरोप
महिला ने बताया कि उसका पति और ससुराल वाले प्रताड़ित करते हैं, जिसके चलते वह अपने पांच साल के बेटे के साथ अलग रह रही थी. दो माह पूर्व उसके ससुराल वाले उसे जबरदस्ती घर ले गये और घर पर बंधक बना दिया. यही नहीं महिला से उसका मोबाइल भी छीन लिया. इस मामले में महिला के पति ने अपने बयानों में कहा कि यदि उसकी पत्नि अपने माता-पिता के साथ रहना चाहती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं, लेकिन उसे और कहीं रहने की अनुमति वह नहीं देगा.
फिर दूध के दाम बढ़ाने की तैयारी, HC ने सरकार से मांगा जवाब
सुनवाई के बाद न्यायालय ने पाया कि 29 वर्षीय महिला अपने ससुराल में न रहकर अपने माता-पिता के साथ रहना चाहती है. जिस पर न्यायालय ने निर्देश दिये. इसके साथ ही अनावेदकों को कहा कि यदि वह महिला के खिलाफ कोई झूठी शिकायत करता है तो उन पर त्वरित कार्रवाई की जायेगी. इसके साथ ही ससुराल से अलग रहने पर महिला को उचित कानूनी सहारा लेने की स्वतंत्रता प्रदान की है.