जबलपुर। मध्य प्रदेश की जबलपुर पुलिस इन दिनों नशे के कारोबार करने वालों पर लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. जबलपुर पुलिस को गांजा तस्करी के मामले में अब तक की बड़ी सफलता हाथ लगी है, लेकिन अब तक माना जा रहा था कि उड़ीसा से रायपुर के रास्ते अन्य प्रदेशों एवं जिलों में गांजे की तस्करी हो रही थी. अब छत्तीसगढ़ से भी गांजे की तस्करी शुरू हो गई है. इसी के चलते मध्य प्रदेश की जबलपुर पुलिस ने नशे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लकड़ी की आड़ में दो आरोपियों के कब्जे से करीब तीन करोड़ रुपए का 1200 किलो गांजा जब्त किया है. इस गांजे की कीमत करीब ढाई से तीन करोड़ रुपए बताई जा रही है. पुलिस आरोपियों को कब्जे में लेकर पूछताछ कर रही है.
ट्रक में लकड़ियों के बीच रखा गया था गांजा: दरअसल जबलपुर पुलिस अधीक्षक तुषारकांत विद्यार्थी को मुखबिर से सूचना मिली थी कि छत्तीसगढ़ के रायपुर जगदलपुर के रास्ते गांजे की अवैध तस्करी की जा रही है. इसी के चलते जबलपुर पुलिस ने जिले के सभी बॉर्डर पर पॉइंट लगाते हुए वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी. इसी बीच मुखबिर द्वारा बताए गए गाड़ी नंबर को रोका तो चालक वाहन छोड़कर भागने लगा. तभी पुलिस ने घेराबंदी करते हुए चालक और हेल्पर को गिरफ्तार कर लिया. हेल्पर ने पुलिस को पूछताछ में अपना नाम मोहम्मद शकील और चालक ने अपना नाम महेश कुमार हमीरपुर छत्तीसगढ़ के रहने वाला बताया. ट्रक ड्राइवर और हेल्पर ने बताया कि "वह छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से लड़कियों से भरा ट्रक लेकर निकले हैं." लेकिन जब ट्रक की चेकिंग की गई तो ट्रक में गांजा बरामद हुआ. ट्रक में जो लकड़ियां भरी हुई थी. उसके बीच में तकरीबन 1200 किलो गांजा बोरी में पैक करके रखा गया था. पुलिस ने ट्रक ड्राइवर महेश कुमार और उसके हेल्पर मोहम्मद शकील को गिरफ्तार कर लिया है. इस गांजे की कीमत करीब ढाई से तीन करोड़ रुपए बताई जा रही है.
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किसी और को सौंपाना था ट्रक: पूछताछ में बताया गया कि यह ट्रक जगदलपुर से निकला है और हरियाणा जा रहा है. ट्रक ड्राइवर ने बताया की "ट्रक को बीच रास्ते में किसी और को भी सौंपना था, जो आगे का रास्ता तय करता. फिलहाल पुलिस ने ट्रक और गांजे को जब्त कर लिया है और पूछताछ की जा रही है, ताकि इतनी बड़ी मात्रा में सप्लाई हो रहे गांजे के मुख्य तस्करों तक पहुंचा जा सके. संस्कारधानी में नशे का कारोबार तेजी से बढ़ता जा रहा है. बाहरी राज्यों से छत्तीसगढ़ के सीमाई इलाकों में नशीले पदार्थों की खेप पहुंचती है. फिर यहां प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में माल भेजा जाता है. रायपुर कई वर्षों से नशे के कारोबार का कॉरिडोर बना हुआ है. पुलिस की नजर से बचने के लिए तस्कर अलग-अलग तरीके से मादक पदार्थों सप्लाई करते हैं. जिले की क्राइम ब्रांच और नारकोटिक्स सेल लगातार गिरफ्तारी कर रही है, लेकिन तस्करी पर रोक नहीं लग पा रही है.