जबलपुर। मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने बीते 20 सालों में मध्य प्रदेश को कर्ज के बोझ तले दबा दिया है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कुल बजट से ज्यादा का कर्ज हो गया है. मध्यप्रदेश पर लगभग 4 लाख करोड़ का कर्ज है. इंस्टीट्यूशनल करप्शन की वजह से बड़ा कर्ज लिया गया और बड़ी योजनाओं में भ्रष्टाचार करके जनता को लूटा गया.
बीजेपी शासन काल में बड़ा कर्जा: तरुण भनोट का कहना है कि जब मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का बंटवारा हुआ था तब बहुत सी देनदारियां मध्यप्रदेश के हिस्से में आई थीं. इसकी वजह से मध्य प्रदेश सरकार के ऊपर उस समय 26 हजार करोड़ का कर्जा था. उसके बाद से मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई और बीते लगभग चार कार्यकाल में मध्य प्रदेश का कर्जा 3 लाख 50 हजार करोड़ के करीब पहुंच गया. इसके अलावा मध्य प्रदेश सरकार बिजली कंपनियों नगर निगम खाद्य विभाग की योजनाओं के लिए लोन जैसे दूसरे कई कर्ज की गारंटी लेती है. इन सब को यदि मिला दिया जाए तो मध्यप्रदेश पर चार लाख करोड़ का कर्ज हो गया है. जबकि मध्यप्रदेश की आमदनी लगातार घट रही है, इसकी वजह से मध्य प्रदेश बर्बादी की कगार पर खड़ा हुआ है.
भ्रष्टाचार के आरोप: पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट का आरोप है कि मध्य प्रदेश में कर्ज बढ़ने की एक बड़ी वजह इंस्टीट्यूशनल करप्शन है. उनका आरोप है कि सरकार ने बड़ी-बड़ी योजनाएं बनाकर सरकारी खजाने पर डाका डाला है और अब कर्ज जनता के लिए छोड़ दिया गया है. तरुण भनोट का कहना है कि जैसे-जैसे इस कार्यकाल के खत्म होने की तारीख नजदीक आ रही है भ्रष्टाचार और तेजी से बढ़ रहा है.
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1000 से क्रांति नहीं आएगी: तरुण भनोट का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह कह रहे हैं कि महिलाओं को लाडली बहना योजना में हर महीने ₹1000 मिलेगा तो उनके जीवन में क्रांति आ जाएगी. 1 हजार रुपये में महंगाई के इस दौर में कैसे क्रांति आती है यह समझ नहीं आ रहा है. आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश के हर आदमी पर लगभग 57 हजार रुपये का कर्ज है और मध्य प्रदेश सरकार हर साल लगभग 16 हजार करोड़ रुपये की ब्याज की अदायगी कर रही है. सवाल 20 साल में भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को इतना मजबूत क्यों नहीं कर पाई कि हमारे पास सरप्लस होने की वजह बजट से ज्यादा कर्ज हो गया.