जबलपुर। शैक्षणिक संस्थाओं की आड़ में करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़ा मामले में जेल में बंद पूर्व बिशप पीसी सिंह के राजदारों द्वारा नये-नये खुलासे किए जा रहे हैं. ईओडब्ल्यू के सामने पेश हुए पीसी सिंह के निजी जरोहा ट्रस्ट के अकाउंटेंट ने खुलासा किया कि पूर्व बिशप स्कूलों से मिलने वाली बड़ी राशि उसे नकद देता था. उस राशि को वह फर्जी नामों से ट्रस्ट में ट्रांसफर कराता था. इस खुलासे के बाद अब इस बात का पता लगाया जा रहा है कि इस तरह कितनी राशि ट्रस्ट में जमा कराई गई है.
कई तरह के हथकंडे अपनाता था पीसी सिंह : सूत्रों के अनुसार पीसी सिंह द्वारा पद का दुरुपयोग करने के मामले में ईओडब्ल्यू द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों की जाँच में इस बात का खुलासा हो रहा है कि बिशप द्वारा फर्जीवाड़ा करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते थे. पीसी सिंह द्वारा बनाए गए निजी जरोहा ट्रस्ट में अपने करीबी बेनी कोरियन व उनके बेटे अभिलाष को अकाउंटेंट नियुक्त किया गया था. दोनों पिता- पुत्र से ईओडब्ल्यू द्वारा की गई पूछताछ में पता चला कि उन्हें पीसी सिंह नकद रकम देता था और वह रकम फर्जी नामों से मिलने वाली मदद के रूप में ट्रस्ट में जमा करा दी जाती थी.
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पूर्व बिशप के पुत्र से पूछताछ : पीसी सिंह के पुत्र पियूष के आय के स्रोत का पता लगाने ईओडब्ल्यू द्वारा उससे पूछताछ की गई. जानकारों के अनुसार पियूष आयकर संबंधी दस्तावेज लेकर पेश हुआ. आमदनी के संबंध में पियूष का कहना था वह स्कूल में प्राचार्य था और उसे सैलरी मिलती थी. जब उसे बताया गया कि उसके पास आमदनी से अधिक सम्पत्ति होने के प्रमाण जाँच टीम के पास हैं तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया. पूर्व बिशप की कारगुजारियों का पता लगाने के लिए उसके खास राजदार सुरेश जैकब से भी फिर पूछताछ की गई. जाँच टीम द्वारा शैक्षणिक संस्थाओं से कितनी रकम बिशप को प्राप्त हुई व अन्य अहम जानकारियाँ हासिल की गईं. इसके साथ ही जैकब ने एक पत्र पेश कर खुद को दिल्ली की साइनाड संस्था का मेंबर होना बताया. इसकी वास्तविकता पता लगाने के लिए पत्र को दिल्ली भेजा जाएगा. Jabalpur former bishop PC Singh, Revelations EOW investigation, Deposit huge amount in trust, Huge amount fake names