जबलपुर। संजीवनी पुलिस थाना क्षेत्र में चल रही श्रीमद भागवत कथा के दौरान एक बड़ा अग्नि हादसा होते-होते बचा. पंडाल से लगे बिजली के पोल में अचानक शार्ट सर्किट के कारण खंबे में आग लग गई (Electric pole Fire during Bhagwat Katha), जैसे ही चिंगारीयां नीचे बैठे लोगों के ऊपर गिरी, लोगों ने पंडाल से बाहर की तरफ़ दौड़ना शुरू कर दिया. जहां देवदूत बनकर आए युवक ने जान की परवाह ना करते हुए रेत से आग को बुझा दिया, जिसके कारण एक बड़ा हादसा होते होते बच गया.
आग की लपटों को देखकर मची अफरा-तफरी: दरअसल संजीवनी नगर के गढ़ा पुरवा इलाके में एक भागवत कथा चल रही थी, बकायदा यहां लगे पंडाल में श्रद्धालु इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल भी हुए थे कि तभी समीप लगे खंबे के ऊपरी हिस्से से आग की चिंगारियां निकलने लगीं, खंभे से निकलती आग की लपटों को देखकर भागवत में शामिल श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी की स्थिति बन गई, तभी क्षेत्र का एक युवक बहादुरी दिखाते हुए आग बुझाने की कोशिशों में जुट गया.
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दुर्गेश बनकर आया देवदूत: दुर्गेश विश्वकर्मा नाम का युवक सबसे पहले इमारत के ऊपरी मंजिल पर पहुंचा और बालकनी के पास जाकर हाथ में मिट्टी और रेत लेकर आग की लपटों को बुझाने में जुट गया. कुछ ही देर जैसे ही आग पर काबू पाया गया तब लोगों ने राहत की सांस ली. हैरानी की बात तो यह है कि भागवत कथा के पंडाल के पास लगे खंबे में भड़की आग की खबर बिजली महकमे के अधिकारियों को भी दी गई, लेकिन तकनीकी कर्मचारियों की हड़ताल के चलते मौके पर कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा.
मशक्कत के बाद पाया आग पर काबू: बहरहाल क्षेत्रीय युवक दुर्गेश विश्वकर्मा ने बहादुरी का परिचय देते हुए आग को काबू में किया और एक बड़े हादसे को रोक दिया, गनीमत रही की हादसे में कोई घायल नहीं हुआ. वहीं युवक दुर्गेश की जांबाजी की क्षेत्रवासी अब जमकर सराहना कर रहे हैं.