जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में कुत्ते के भौंकने का मामला थाने तक पहुंच गया . अधारताल थाना क्षेत्र में पड़ोसी के जर्मन शेफर्ड कुत्ते से परेशान परिवार ने थाने में शिकायत की है. फरियादी के अनुसार, पड़ोसी का कुत्ता बेवजह भौंकता रहता है. लगातार भौंकने की वजह से वह लोग ठीक से सो नहीं पा रहे हैं, जिसके चलते परिवार के कई सदस्य बीमार हो गए. इसलिए उन्होंने पुलिस से मदद मांगी है. बताया जा रहा है कि परिवार ने इसके पहले नगर निगम में शिकायत की थी. लेकिन नगर निगम का कहना कि पालतू कुत्तों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है.
कुत्ते ने कर दी नींद हराम : हिमांशु गर्ग अधारताल थाना क्षेत्र में रहते हैं. उनके पड़ोसी के पास दो जर्मन शेफर्ड कुत्ते हैं. एक बूढ़ा हो चुका है, इसलिए पड़ोसी ने दूसरा जर्मन शेफर्ड पाल लिया है. हिमांशु गर्ग का आरोप है कि ''पड़ोसी का कुत्ता दिन रात भौंकता है, कुत्ते को कोई समस्या है या वह ज्यादा आक्रामक किसम का है, थोड़ी सी भी आहट होती है और वह भौंकना शुरू कर देता है''. हिमांशु का कहना है कि ''कॉलोनी में किसी का भी गेट यदि थोड़ी सी भी आवाज करता है तो कुत्ता भौंकना शुरू कर देता है और बंद ही नहीं होता. दिन में तो समस्या नहीं होती लेकिन रात में जब पूरा माहौल शांत हो जाता है तो इस कुत्ते की भौंकने की वजह से नींद नहीं आती और इसकी वजह से गर्ग परिवार को बीमारियां होने लगी हैं वे रात भर सो नहीं पाते''.
नगर निगम लाचार: हिमांशु ने पहले इस बात की शिकायत पड़ोसी से की थी कि आपका कुत्ता नॉर्मल नहीं है और इसकी वजह से उन्हें समस्या हो रही है. हांलाकि पड़ोसी यह समझने को तैयार नहीं थे कि उनके कुत्ते को कोई समस्या है. जब हिमांशु पड़ोसी को नहीं समझा पाए तो उन्होंने इस समस्या के लिए नगर निगम में शिकायत की. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि ''यहां आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए एक अभियान चलता है, लेकिन हम किसी का पालतू कुत्ता नहीं पकड़ सकते. कुत्ता भौंकता है तो नगर निगम के पास किसी कानून में इस समस्या का कोई समाधान नहीं है''.
थाने में कुत्ते की शिकायत: थक हार कर हिमांशु परिवार अधारताल थाने पहुंचा. हिमांशु ने एक लिखित आवेदन देते हुए पुलिस से मदद मांगी है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें और पड़ोसी को समझा कर उसके कुत्ते को हटाएं. पुलिस ने गर्ग परिवार से कहा कि ''थाने में आदमियों की शिकायत होती है जानवरों की नहीं''. लेकिन घर परिवार की मजबूरी को समझते हुए पुलिस का कहना है कि ''वह कोई कानूनी कार्रवाई तो नहीं कर सकते लेकिन पड़ोसी को समझा सकते हैं, यदि वह समझ गया तो ठीक नहीं तो पुलिस के पास कुत्ते के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई नियम नहीं है''.
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परेशनी बने पालतू कुत्ते: कुत्ते की भौंकने की वजह से कई लोगों को समस्या होती है. वहीं, शहर में पालतू कुत्ते दूसरों के घरों के सामने जाकर गंदगी भी करते हैं. इन दोनों समस्याओं का किसी के पास कोई निदान नहीं है. हिमांशु की लिखित शिकायत पुलिस ने रख तो ली है, लेकिन पुलिस के पास भी इसका कोई इलाज नहीं है. क्योंकि कुत्ता पालना गैरकानूनी नहीं है और कुत्ते का भौंकना स्वाभाविक है. अब गर्ग परिवार की परेशानी का कोई निदान समझ में नहीं आता.