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संस्कारधानी के ये डॉक्टर घूम-घूमकर निभा रहे अपना फर्ज, रोज लेते हैं कई कोरोना सैंपल - jabalpur doctor nisar ansari

जबलपुर के डॉक्टर निसार अंसारी इन दिनों किसी क्लीनिक या अस्पताल में नहीं बल्कि अंजान लोगों से मिलकर उनके पास जाकर कोरोना परीक्षण कर रहे हैं, अप्रैल से जारी इस कारवां में वे अब तक 60 कोरोना पॉजिटिवों की पहचान कर उन्हें क्वॉरेंटाइन करा चुके हैं.

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कोरोना संक्रमित
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Published : Jul 3, 2020, 3:01 PM IST

Updated : Jul 8, 2020, 10:52 AM IST

जबलपुर। देशभर में तेजी से फैल रही कोरोना महामारी से बचाव के लिए शासन-प्रशासन लगातार नई-नई तरकीब खोज रहा है. वहीं आम जनता भी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए एक-दूसरे से दूरी बना रही हैं, सोशल डिस्टेंसिंग मेनटेन कर रही है, वहीं शहर के डॉक्टर निसार अंसारी इस दौरान लोगों से मिलकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं. डॉ अंसारी अब तक 60 कोरोना मरीजों को सामने ला चुके हैं. साथ ही उन्हें क्वॉरेंटाइन कर उनकी देखभाल भी कर रहे हैं.

कोरोना संक्रमित का इलाज
अप्रैल में ज्वाइन की टीम

डॉक्टर निसार अंसारी करीब तीन महीने पहले अप्रैल में कोरोना वायरस की जांच करने वाली टीम में जुड़े, जहां से वो अंजान लोगों से मिलकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण करने लगे. इस कारवां में वे अब तक कई सैंपल ले चुके हैं जिनमें से 60 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं.

चुनौती भरा है काम

डॉक्टर निसार अंसारी ने बताया कि ये काम उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. जैसे ही उनके परिवार वालों को मालूम हुआ कि वे ऐसी टीम से जुड़ गए हैं और अब कोरोना वॉरियर्स की तरह लोगों को कोरोना महामारी की चपेट में आने से रोकने की कोशिश में जुटेंगे तो परिवार, रिश्तेदार और जान-पहचान के लोगों ने उनसे दूरी बना ली.

मुश्किल है लोगों को समझाना

डॉक्टर निसार अंसारी ने बताया कि जब हमारी टीम के सदस्य लोगों के सैंपल लेने के लिए जाते हैं तो लोग अपना सहयोग नहीं देते. लोगों को समझाना बहुत कठिन काम है. पहले तो लोग टेस्ट करवाने के लिए तैयार नहीं होते फिर जैसे-तैसे राजी हो जाते हैं तो फिर इलाज करवाने के लिए क्वॉरेंटाइन होने या आइसोलेशन वॉर्ड जाने में आनाकानी करते हैं.

गलत पता लिखवाते हैं
डॉक्टर निसार अंसारी ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि कुछ मौके तो ऐसे भी आए जिनमें पूल सैंपलिंग के दौरान लोगों ने गलत पते लिखवा दिए. इसी कड़ी में एक ऐसा मामला सामने आया था जिसमें एक महिला ने गलत पता लिखवाकर सैंपल जांच करवा लिया. रिपोर्ट में वह महिला पॉजिटिव पाई गई, जिसके बाद उसे खोजने के लिए डॉक्टर को पुलिस का रोल तक अदा करना पड़ा और उसे फिर ढूंढ़कर अस्पताल भेजना पड़ा. ऐसे ही एक सब्जी व्यापारी भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया, जैसे ही उसे इस बात की जानकारी मिली तो वह भाग निकला, उसे भी डॉक्टर अंसारी ने ही समझा-बुझाकर आइसोलेशन सेंटर भेजा.

बता दें जबलपुर में फिलहाल रोजाना कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं. जिसके बाद जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 412 पहुंच गया है, जिनमें से फिलहाल 70 एक्टिव केस हैं, जिनका इलाज जारी है. वहीं 328 लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं, जबकि अब तक कोरोना की चपेट में आने के कारण 14 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.

जबलपुर। देशभर में तेजी से फैल रही कोरोना महामारी से बचाव के लिए शासन-प्रशासन लगातार नई-नई तरकीब खोज रहा है. वहीं आम जनता भी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए एक-दूसरे से दूरी बना रही हैं, सोशल डिस्टेंसिंग मेनटेन कर रही है, वहीं शहर के डॉक्टर निसार अंसारी इस दौरान लोगों से मिलकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं. डॉ अंसारी अब तक 60 कोरोना मरीजों को सामने ला चुके हैं. साथ ही उन्हें क्वॉरेंटाइन कर उनकी देखभाल भी कर रहे हैं.

कोरोना संक्रमित का इलाज
अप्रैल में ज्वाइन की टीम

डॉक्टर निसार अंसारी करीब तीन महीने पहले अप्रैल में कोरोना वायरस की जांच करने वाली टीम में जुड़े, जहां से वो अंजान लोगों से मिलकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण करने लगे. इस कारवां में वे अब तक कई सैंपल ले चुके हैं जिनमें से 60 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं.

चुनौती भरा है काम

डॉक्टर निसार अंसारी ने बताया कि ये काम उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. जैसे ही उनके परिवार वालों को मालूम हुआ कि वे ऐसी टीम से जुड़ गए हैं और अब कोरोना वॉरियर्स की तरह लोगों को कोरोना महामारी की चपेट में आने से रोकने की कोशिश में जुटेंगे तो परिवार, रिश्तेदार और जान-पहचान के लोगों ने उनसे दूरी बना ली.

मुश्किल है लोगों को समझाना

डॉक्टर निसार अंसारी ने बताया कि जब हमारी टीम के सदस्य लोगों के सैंपल लेने के लिए जाते हैं तो लोग अपना सहयोग नहीं देते. लोगों को समझाना बहुत कठिन काम है. पहले तो लोग टेस्ट करवाने के लिए तैयार नहीं होते फिर जैसे-तैसे राजी हो जाते हैं तो फिर इलाज करवाने के लिए क्वॉरेंटाइन होने या आइसोलेशन वॉर्ड जाने में आनाकानी करते हैं.

गलत पता लिखवाते हैं
डॉक्टर निसार अंसारी ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि कुछ मौके तो ऐसे भी आए जिनमें पूल सैंपलिंग के दौरान लोगों ने गलत पते लिखवा दिए. इसी कड़ी में एक ऐसा मामला सामने आया था जिसमें एक महिला ने गलत पता लिखवाकर सैंपल जांच करवा लिया. रिपोर्ट में वह महिला पॉजिटिव पाई गई, जिसके बाद उसे खोजने के लिए डॉक्टर को पुलिस का रोल तक अदा करना पड़ा और उसे फिर ढूंढ़कर अस्पताल भेजना पड़ा. ऐसे ही एक सब्जी व्यापारी भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया, जैसे ही उसे इस बात की जानकारी मिली तो वह भाग निकला, उसे भी डॉक्टर अंसारी ने ही समझा-बुझाकर आइसोलेशन सेंटर भेजा.

बता दें जबलपुर में फिलहाल रोजाना कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं. जिसके बाद जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 412 पहुंच गया है, जिनमें से फिलहाल 70 एक्टिव केस हैं, जिनका इलाज जारी है. वहीं 328 लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं, जबकि अब तक कोरोना की चपेट में आने के कारण 14 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.

Last Updated : Jul 8, 2020, 10:52 AM IST
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