जबलपुर। बरेला क्षेत्र स्थित गौर के कटियाघाट स्थित शासकीय भूमि की पहाडियों और पेड़ को काटकर अवैध कॉलोनी का निर्माण किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ याचिका का निराकरण करते हुए कहा है कि आरोपों की जांच के लिए राजस्व,वन तथा खनिज विभाग की संयुक्त टीम गठित करें. जांच में आरोप सही पाये जाते है तो विधि अनुसार कार्रवाई करें.
बरेला गौर निवासी समाजसेवी सुनील सिंह की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि कटियाघाट स्थित खसरा नंबर-218 व 232 शासकीय भूमि है. बिल्डर सरबजीत मोखा व उनकी पत्नि जसमीत सिंह मोखा द्धारा कॉलोनी निर्माण के लिए पहाड़ों और पेडों को काटकर उसका समतलीकरण किया जा रहा है. राजस्व रिकॉर्ड में भूमि नजून के नाम पर दर्ज है. भूमि पर करीब 50 से ज्यादा परिवार निवास करते हैं. रोजाना 3 सौ से 5सौ हाईवा मुरम ढोने के काम में लगी हुई है.
पहाडियों और पेड़ को काटे जाने से पर्यावरण प्रभावित हो रहा है. शासकीय जमीन का बंदरबाट किया जा रहा है. आरोप है कि मामले में खनिज विभाग व राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मियों की मिलीभगत है. जिसके तहत कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. शिकायत के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण याचिका दायर की गयी है. याचिका में प्रमुख सचिव शासन व प्रमुख सचिव माइंस एंड मिनरल्स, कमिश्नर राजस्व, कलेक्टर और एसपी जबलपुर, डीएफओं बरेला रेंज, इंस्पेक्टर माइंस एंड मिनरल्स व सरबजीत सिंह मोखा व उनकी पत्नि जसमीत सिंह मोखा को पक्षकार बनाया गया है. सुनवाई के बाद युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए आदेश दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता कृष्णा कुमार पांडे व कौशलेश कुमार पांडे ने पक्ष रखा.