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हाईकोर्ट ने रद किया लोकसभा उपचुनाव, शून्य हुई बीजेपी सांसद की सदस्यता

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शहडोल सांसद ज्ञान सिंह का चुनाव शून्य घोषित कर दिया है. महावीर प्रसाद माझी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 2016 में शहडोल संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव को ही रद कर दिया है,

सांसद ज्ञान सिंह की सदस्यता शून्य हुई
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Published : Mar 1, 2019, 8:23 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शहडोल सांसद ज्ञान सिंह का चुनाव शून्य घोषित कर दिया है. महावीर प्रसाद माझी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 2016 में शहडोल संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव को ही रद कर दिया है, जिससे बीजेपी सांसद ज्ञान सिंह को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जोरदार झटका लगा है. हालांकि, उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए दो हफ्ते का वक्त मिला है.


दरअसल, साल 2016 में शहडोल लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था. जिसमें बीजेपी के टिकट पर ज्ञान सिंह ने चुनाव लड़ा था. इसी चुनाव में महावीर प्रसाद माझी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे, लेकिन ज्ञान सिंह ने महावीर प्रसाद माझी की जाति पर आपत्ति लगाई थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि माझी की जाति अनुसूचित जाति में शामिल नहीं है और महावीर प्रसाद माझी का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है.

सांसद ज्ञान सिंह की सदस्यता शून्य हुई


ज्ञान सिंह की आपत्ति के आधार पर रिटर्निंग ऑफिसर ने महावीर प्रसाद माझी का फॉर्म रिजेक्ट कर दिया था, जबकि महावीर प्रसाद माझी का कहना था कि जाति प्रमाण पत्र के निर्धारण का अधिकार रिटर्निंग ऑफिसर को नहीं होता है, ये केवल हाई पावर कमेटी ही तय कर सकती है. माझी ने इसी को आधार बनाकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.


जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने माझी की बात मानते हुए 2016 में हुए शहडोल लोकसभा उप चुनाव को रद कर दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद ज्ञान सिंह की सदस्यता समाप्त हो गई है. हालांकि, ज्ञान सिंह ने कोर्ट के सामने एक आवेदन पेश किया है, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने तक फैसले को स्थगित रखने का अनुरोध किया है. जिसके बाद कोर्ट ने दो हफ्ते का वक्त दिया है.

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शहडोल सांसद ज्ञान सिंह का चुनाव शून्य घोषित कर दिया है. महावीर प्रसाद माझी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 2016 में शहडोल संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव को ही रद कर दिया है, जिससे बीजेपी सांसद ज्ञान सिंह को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जोरदार झटका लगा है. हालांकि, उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए दो हफ्ते का वक्त मिला है.


दरअसल, साल 2016 में शहडोल लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था. जिसमें बीजेपी के टिकट पर ज्ञान सिंह ने चुनाव लड़ा था. इसी चुनाव में महावीर प्रसाद माझी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे, लेकिन ज्ञान सिंह ने महावीर प्रसाद माझी की जाति पर आपत्ति लगाई थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि माझी की जाति अनुसूचित जाति में शामिल नहीं है और महावीर प्रसाद माझी का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है.

सांसद ज्ञान सिंह की सदस्यता शून्य हुई


ज्ञान सिंह की आपत्ति के आधार पर रिटर्निंग ऑफिसर ने महावीर प्रसाद माझी का फॉर्म रिजेक्ट कर दिया था, जबकि महावीर प्रसाद माझी का कहना था कि जाति प्रमाण पत्र के निर्धारण का अधिकार रिटर्निंग ऑफिसर को नहीं होता है, ये केवल हाई पावर कमेटी ही तय कर सकती है. माझी ने इसी को आधार बनाकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.


जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने माझी की बात मानते हुए 2016 में हुए शहडोल लोकसभा उप चुनाव को रद कर दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद ज्ञान सिंह की सदस्यता समाप्त हो गई है. हालांकि, ज्ञान सिंह ने कोर्ट के सामने एक आवेदन पेश किया है, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने तक फैसले को स्थगित रखने का अनुरोध किया है. जिसके बाद कोर्ट ने दो हफ्ते का वक्त दिया है.

Intro:शहडोल के सासंद ज्ञान सिंह का चुनाव रद्द किया गया मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने निर्दलीय प्रत्याशी महावीर प्रशाद मांझी की चुनाव याचिका पर हुआ फैसला


Body:जबलपुर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने शहडोल सांसद ज्ञान सिंह के चुनाव को निरस्त कर दिया है शहडोल में 2016 में लोकसभा सांसद पद के लिए उपचुनाव हुआ था इस उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी से ज्ञान सिंह चुनाव में खड़े हुए थे इसी चुनाव में महावीर प्रसाद माझी बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन महावीर प्रसाद माझी की जाति पर ज्ञान सिंह की ओर से आपत्ति लगाई गई थी

ज्ञान सिंह ने अपनी आपत्ति में कहा था कि महावीर प्रसाद माझी की जाति अनुसूचित जाति में शामिल नहीं है और महावीर प्रसाद माझी का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है ज्ञान सिंह की आपत्ति के आधार पर रिटर्निंग ऑफिसर में महावीर प्रसाद माझी का फॉर्म रिजेक्ट कर दिया था जबकि महावीर प्रसाद माझी का कहना था की जाति प्रमाण पत्र के निर्धारण का अधिकार रिटर्निंग ऑफिसर को नहीं होता है और यह केवल हाई पावर कमेटी ही तय कर सकती है

महावीर प्रसाद माझी ने इसी को आधार बनाकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी चुनाव याचिका की सुनवाई करते हुए आज मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने महावीर प्रसाद माझी की बात को मानते हुए 2016 के शहडोल के सांसद पद के उप चुनाव को रद्द कर दिया है

इस चुनाव में ज्ञान सिंह जो भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार थे वे जीते थे मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले के बाद उनकी सदस्यता समाप्त हो गई है हालांकि ज्ञान सिंह ने कोर्ट के सामने एक आवेदन पेश किया है जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने तक फैसले को स्थगित रखने का अनुरोध किया है


Conclusion:बाइट अंकित सक्सेना बाइट हाई कोर्ट एडवोकेट
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