जबलपुर। किसानों को आर्थिक मदद देने के मकसद से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई. लेकिन लगता है कि ये योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है. जबलपुर जिले में किसान ही नहीं बल्कि डॉक्टर, इंजीनियर और वकील भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. प्रशासन की नींद खुली है और वसूली की तैयारी शुरू कर दी है. बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को हर साल केंद्र सरकार की ओर से 6000 की राशि दी जाती है. लेकिन अब देखा जा रहा है कि किसानों के साथ-साथ योजना का लाभ अपात्र उठा रहे हैं.
5 करोड़ 68 लाख रुपए अपात्रों को : जबलपुर जिले में जहां डॉक्टर, इंजीनियर, वकील किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि ले रहे हैं. वहीं इस मामले में जिला भू अभिलेख अधिकारी ललित ग्वालवंशी ने बताया कि ये किसान तो हैं लेकिन सक्षम हैं. कोई शिक्षक है तो कोई इंजीनियर या डॉक्टर. इनमें से कई आयकरदाता हैं. जिले में ऐसे 6 हजार 966 किसान हैं. उनसे 5 करोड़ 68 लाख रुपए की राशि वापस ली जा रही है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पाने वाले अपात्र हितग्राहियों से जिला प्रशासन ने वसूली शुरू कर दी है.
अभी तक 18 फीसदी हो सकी वसूली : लेकिन खास बात यह है कि जिला प्रशासन को अब किसानों से राशि वसूलना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. अधिकारियों के मुताबिक अब तक महज 18 फीसदी राशि ही वसूली जा सकी है. जब योजना प्रारंभ हुई तो किसानों की सूची निकाली गई थी. उस आधार पर सम्मान निधि की राशि उनके खातो में भेजी गई. प्रशासन को बाद में पता चला कि कई किसान इस राशि को पाने के योग्य नहीं हैं. अब उनसे यह राशि वसूली जा रही है. उन्हें तहसीलदारों के माध्यम से राशि वसूली का नोटिस भेजा गया है. इसमें कहा गया है कि जो राशि खातों में आई है, उसे वापस किया जाए. जिले में हर तहसील क्षेत्र में ऐसे किसानों की संख्या 500 से 2400 के बीच है.