जबलपुर। शहर में बन रहे ओवरब्रिज के निर्माण कार्य के लिए एप्रोच रोड बंद किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया कि एप्रोच रोड बंद होने के कारण लोग घर में कैद रहने मजबूर हैं. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों को अभ्यावेदन पेश करने के निर्देश दिये हैं. युगलपीठ ने अभ्यावेदन पर कार्रवाई नहीं होने पर पुनः याचिका दायर करने की स्वतंत्रता प्रदान की है.
याचिका में ये दलील दी : याचिकाकर्ता अधिवक्ता धीरज सिंह ठाकुर की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया कि एनसीसी द्वारा शहर में ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है. इस कारण राइट टाउन, गेट नम्बर 4, लिंक रोड, मदन महन क्षेत्र में स्थित कॉलोनियों तक पहुंच वाले एप्रोच मार्ग को ओवरर ब्रिज निर्माण के लिए बंद कर दिया गया है. एप्रोच मार्ग बंद होने के कारण लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं. आवश्यक कार्य होने पर मेन रोड पर पहुंचने के लिए लोगों को बहुत लंबा चक्कर लगाना पड़ता है. इस कारण उनका समय व ईधन बर्बाद होता है.
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वैकल्पिक मार्ग क्यों नहीं बनाया : नियम अनुसार निर्माण कार्य के दौरान संबंधित कंपनी को लोगों की आवाजाही के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाना चाहिए. याचिका में सचिव नगरीय प्रशासन विभाग, संभागायुक्त, जिला कलेक्टर, निगमायुक्त, चेयरमेन जबलपुर स्मॉर्ट सिटी प्रोजेक्ट तथा संबंधित ठेकेदार कंपनी को अनावेदक बनाया गया है. युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिका में अन्य संबंधित विभागों को अनावेदक नहीं बनाया गया है. नागरिकों की परेशानी के संबंध में संबंधित विभागों को अवगत नहीं करवाया गया है. युगलपीठ ने उक्त आदेश के साथ याचिका का निराकरण कर दिया. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष स्वयं रखा.