जबलपुर। औरंगाबाद में मध्य प्रदेश के 16 मजदूरों की मौत के बाद पूरे प्रदेश में राज्य सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े हो रहे हैं. विपक्षी पार्टी का आरोप है कि प्रदेश की सरकार दूसरे प्रदेशों में फंसे अपने मजदूरों को वापस लाने में कोताही बरत रही है. इसी मुद्दे पर कांग्रेस ने आज एक दिन का धरना दिया है.
करोना वायरस के संकट काल में राजनीतिक पार्टियों के क्रियाकलाप करने के तरीके भी बदल रहे हैं. कांग्रेस के धरने में कांग्रेस की अलग-अलग इकाइयों के अध्यक्ष सोशल डिस्टेंसिंग करते हुए कांग्रेस कार्यालय में ही धरने पर बैठ गए.
कांग्रेस की माने तो एक-एक करके लोग यहां आ रहे हैं और धरने में शामिल होकर वापस अपने घरों में उपवास पर बैठे हैं. कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि राज्य सरकार मजदूरों के प्रति संवेदनशील नजर नहीं आ रही है, इसीलिए अभी भी सड़कों पर मजदूर पैदल चलने के लिए मजबूर हैं. मजदूरों के साथ होने वाली दुर्घटनाएं इस बात का सीधा सबूत है कि अब तक सरकार इन मजदूरों तक नहीं पहुंच पाई है. लेकिन सवाल यह उठता है जब मजदूर पैसा खर्च करके वापस जाना चाहता है तो उसे वापस क्यों नहीं जाने दिया जा रहा.