जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थक स्ट्रांग रूम के बाहर दिन रात ड्यूटी कर रहे हैं. प्रत्याशियों के समर्थक स्ट्रांग रूम के सीसीटीवी के डिस्प्ले पर 24 घंटे निगाह रखने के लिए अलग-अलग पारी में आते हैं. जबलपुर की आठ विधानसभा क्षेत्र के केवल कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थक ही स्ट्रांग रूम पर निगाहें गड़ाए बैठे हैं. भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी और उनके समर्थक दिन में एक बार ही आते हैं.
प्रत्याशियों के समर्थन कर रहे हैं रतजगा: जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अभियांत्रिकी कॉलेज के सामने एक टेंट लगा हुआ है. इस टेंट में विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के समर्थक 24 घंटे ड्यूटी दे रहे हैं. यहां एक बड़ी स्क्रीन लगी है, जिसमें सीसीटीवी का रिजल्ट दिख रहा है. इस बड़ी स्क्रीन पर उन कमरों के दरवाजों का लाइव वीडियो दिख रहा है, जिनमें ईवीएम मशीन रखी गई हैं. प्रत्याशियों के समर्थक आठ घंटे की ड्यूटी के हिसाब से यहां 24 घंटे मौजूद हैं और दिन भर में खुद प्रत्याशी भी यहां एक बार चक्कर लगाने जरूर आते हैं. इन लोगों की यह ड्यूटी 3 दिसंबर तक चलेगी. इसलिए प्रत्याशियों के समर्थकों ने यहां पर बिस्तर लगा रखे हैं और रात में ठंड होने की वजह से यहां आग का इंतजाम भी किया जाता है.
कांग्रेसियों नहीं कर रहे भरोसा: पश्चिम विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी तरुण भनोट की ओर से रखवाली कर रहे समर्थक दिनेश पटेल ने बताया कि ''यहां ज्यादातर लोग कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थक हैं. भारतीय जनता पार्टी की ओर से केवल जबलपुर की मध्य विधानसभा के प्रत्याशी की ओर से ही ड्यूटी की जा रही है. बाकी सभी लोग कांग्रेस प्रत्याशियों की ओर से हैं." दिनेश पटेल का कहना है कि ''सरकार में भारतीय जनता पार्टी लंबे समय से रही है, इसलिए कांग्रेस प्रत्याशियों का सिस्टम पर बहुत भरोसा नहीं है. इसी वजह से स्ट्रांग रूम पर ज्यादातर कांग्रेसी नजर लगाए बैठे हुए हैं.''
डिस्प्ले भी बंद हुआ था: पनागर विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी राजेश पटेल की ओर से भी समर्थक रात भर जागकर स्ट्रांग रूम पर नजर बनाए रखे हैं. बबलू खान का कहना है कि ''पहले कुछ घटनाएं ऐसी घटी हैं जिनमें स्ट्रांग रूम में रखी पत्तियां में गड़बड़ी होने की संभावना बनी है. इसलिए ईवीएम मशीन पर नजर रखने के लिए वह यहां ड्यूटी कर रहे हैं.''
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डिस्प्ले को चालू रखने रखा इनवर्टर: बबलू खान ने बताया कि ''यहां एक बार बिजली बंद भी हो गई थी और उसकी वजह से स्क्रीन पर कुछ नहीं दिख रहा था. लेकिन इसकी शिकायत की गई तो जबलपुर कलेक्टर ने आकर बताया कि केवल बाहर के डिस्प्ले की बिजली बंद हुई थी, अंदर का डिस्प्ले चालू था. घबराए हुए प्रत्याशियों ने यहां बड़े डिस्प्ले को चालू रखने के लिए एक इनवर्टर भी रख लिया है, ताकि किसी भी स्थिति में स्ट्रांग रूम के बंद दरवाजा की तस्वीर आना बंद ना हो.''
स्ट्रांग रूम के बाहर एसएसबी तैनात: स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के पहले घेरे में स्ट्रांग रूम के बाहर और पूरे बरामदे में भारतीय सेना की एक टुकड़ी एसएसबी को तैनात किया गया है. यह टुकड़ी नेपाल बॉर्डर की सुरक्षा करती है. वहीं दूसरे स्तर पर मध्य प्रदेश पुलिस के जवान तैनात हैं लेकिन मध्य प्रदेश पुलिस गेट के भीतर नहीं जा सकती. जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के जिस हाल में स्ट्रांग रूम बनाया गया है वहां चारों तरफ खुले खेत हैं. इसलिए इस पूरे इलाके में बेहद ठंड पड़ रही है और रात में ड्यूटी पर तैनात लोगों को आज का सहारा लेना पड़ रहा है. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में बारिश की संभावना लग रही है इसकी वजह से यहां ड्यूटी करना और कठिन हो जाएगा.