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जलबपुर: अब नहीं चलेगा ऑन लाइन क्लास का बहाना, शिक्षकों को स्कूलों में लगानी होगी हाजिरी - ऑन लाइन क्लास

जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिला शिक्षा अधिकारी और DPC को निर्देश दिए हैं कि, ऐसे शिक्षकों की लिस्ट बनाएं, जो स्कूल न आकर ऑनलाइन क्लास का बहाना करते हुए घर से ही पढ़ाई करा रहे हैं.

Jabalpur Collector Karmaveer Sharma
लिस्ट बनाने के आदेश
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Published : Nov 16, 2020, 9:34 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश के तमाम सरकारी और प्राइवेट स्कूल पिछले सात महीनों से बंद हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को निर्देश दिए कि, वो स्कूल के समय बच्चों को घर से ही ऑनलाइन क्लास लगाकर पढ़ाई कराएं. लेकिन असल में हकीकत कुछ और ही सामने आई है. यही वजह है कि, अब राज्य सरकार ने ऑनलाइन क्लास के साथ-साथ शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल आने के निर्देश जारी कर दिए हैं. हालांकि अब भी बहुत से ऐसे शिक्षक हैं, जो ऑनलाइन क्लास का बहाना करते हुए घर से ही पढ़ाई करा रहे हैं और स्कूल आने की जहमत नहीं उठा रहे हैं. ऐसे में अब जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिला शिक्षा अधिकारी और DPC (District Project Coordinator) को निर्देश दिए हैं कि, ऐसे शिक्षकों की लिस्ट बनाएं जो कि, राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं.

कलेक्टर ने दिए लिस्ट बनाने के आदेश

शिक्षा विभाग के निर्देश 100 फीसदी होनी चाहिए शिक्षकों की स्कूल में हाजिरी

शिक्षा विभाग ने कोरोना काल के बीच सात महीने बाद एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि, सरकारी स्कूल में अब शिक्षकों और कर्मचारियों को नियमित रूप से स्कूल आना होगा. इस दौरान जिस भी शिक्षक की हाजरी 100 फीसदी नहीं होगी, उन शिक्षक और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही आदेश में ये भी कहा गया है कि, बिना सूचना के विद्यालय से कोई भी शिक्षक या कर्मचारी गैरहाजिर नहीं होगा. इस संबंध में राज्य सरकार ने जिला शिक्षा अधिकारी को भी निगरानी करने के निर्देश दिए हैं.

ये भी पढ़ें- दीवाली बाद खुल सकते हैं स्कूल-कॉलेज, एक हजार पदों पर जल्द होगी भर्तियां: मोहन यादव

कोरोना काल में मिली राहत विभाग ने की खत्म

कोरोना काल में स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक और कर्मचारियों को राहत मिली हुई थी. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्टाफ को ऑनलाइन हाजिरी दर्ज करानी होती थी, लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग ने कोरोना संक्रमण के दौरान मिली राहत को खत्म कर दफ्तर में उपस्थिति के फरमान जारी किए हैं. ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग ने भी हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल में मौजूदगी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि, सभी शिक्षक और कर्मचारियों को हर हाल में स्कूल में उपस्थित होना होगा, लेकिन अब भी ये देखा जा रहा है कि, ज्यादातर शिक्षक इन आदेश का पालन न करते हुए घर से ऑनलाइन क्लास का बहाना बनाकर अपनी ड्यूटी पूरी कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- वाह रे शिक्षा विभाग ! स्कूल की रौनक बढ़ा रहे भेड़-बकरी...ऐसी तस्वीर जिन्हें देख नहीं होता यकीन

कलेक्टर ने दिए निर्देश

मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग के निर्देशों का पालन करना हर शिक्षक को अनिवार्य है. ऐसे में जो शिक्षक स्कूल में अपनी हाजिरी नहीं दे रहा है, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने निर्देश दिए हैं. जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बताया कि, जिला शिक्षा अधिकारी और DPC को निर्देश जारी कर दिए हैं कि, वो उन शिक्षकों की हाजिरी पर निगरानी रखें, जो कि शिक्षक शासन के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं.

जबलपुर। मध्य प्रदेश के तमाम सरकारी और प्राइवेट स्कूल पिछले सात महीनों से बंद हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को निर्देश दिए कि, वो स्कूल के समय बच्चों को घर से ही ऑनलाइन क्लास लगाकर पढ़ाई कराएं. लेकिन असल में हकीकत कुछ और ही सामने आई है. यही वजह है कि, अब राज्य सरकार ने ऑनलाइन क्लास के साथ-साथ शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल आने के निर्देश जारी कर दिए हैं. हालांकि अब भी बहुत से ऐसे शिक्षक हैं, जो ऑनलाइन क्लास का बहाना करते हुए घर से ही पढ़ाई करा रहे हैं और स्कूल आने की जहमत नहीं उठा रहे हैं. ऐसे में अब जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिला शिक्षा अधिकारी और DPC (District Project Coordinator) को निर्देश दिए हैं कि, ऐसे शिक्षकों की लिस्ट बनाएं जो कि, राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं.

कलेक्टर ने दिए लिस्ट बनाने के आदेश

शिक्षा विभाग के निर्देश 100 फीसदी होनी चाहिए शिक्षकों की स्कूल में हाजिरी

शिक्षा विभाग ने कोरोना काल के बीच सात महीने बाद एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि, सरकारी स्कूल में अब शिक्षकों और कर्मचारियों को नियमित रूप से स्कूल आना होगा. इस दौरान जिस भी शिक्षक की हाजरी 100 फीसदी नहीं होगी, उन शिक्षक और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही आदेश में ये भी कहा गया है कि, बिना सूचना के विद्यालय से कोई भी शिक्षक या कर्मचारी गैरहाजिर नहीं होगा. इस संबंध में राज्य सरकार ने जिला शिक्षा अधिकारी को भी निगरानी करने के निर्देश दिए हैं.

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कोरोना काल में मिली राहत विभाग ने की खत्म

कोरोना काल में स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक और कर्मचारियों को राहत मिली हुई थी. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्टाफ को ऑनलाइन हाजिरी दर्ज करानी होती थी, लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग ने कोरोना संक्रमण के दौरान मिली राहत को खत्म कर दफ्तर में उपस्थिति के फरमान जारी किए हैं. ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग ने भी हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल में मौजूदगी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि, सभी शिक्षक और कर्मचारियों को हर हाल में स्कूल में उपस्थित होना होगा, लेकिन अब भी ये देखा जा रहा है कि, ज्यादातर शिक्षक इन आदेश का पालन न करते हुए घर से ऑनलाइन क्लास का बहाना बनाकर अपनी ड्यूटी पूरी कर रहे हैं.

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कलेक्टर ने दिए निर्देश

मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग के निर्देशों का पालन करना हर शिक्षक को अनिवार्य है. ऐसे में जो शिक्षक स्कूल में अपनी हाजिरी नहीं दे रहा है, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने निर्देश दिए हैं. जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बताया कि, जिला शिक्षा अधिकारी और DPC को निर्देश जारी कर दिए हैं कि, वो उन शिक्षकों की हाजिरी पर निगरानी रखें, जो कि शिक्षक शासन के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं.

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