जबलपुर। द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के पूर्व बिशप पीसी सिंह के घपले घोटालों के खुलासे के बाद शासन ने मिशनरी को आवंटित जमीन की लीज निरस्त करते हुए बेशकीमती जमीनों को अपने अधीन कर लिया था. करीब 170358 वर्ग फुट जमीन को शासन के मद में दर्ज करने के बाद नियमानुसार इसकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. नीलामी के पहले चरण में प्री बिड की मीटिंग रखी गई, जिसके जरिए नीलामी में हिस्सा लेने वाले समूहों को जमीनों की जानकारी के साथ ही ऑक्शन की प्रक्रिया बताई जानी थी. परिसंपत्ति की नीलामी के लिए पहुंचे अधिकारियों के सामने चर्च और मिशनरी से जुड़े हुए लोगों ने नारेबाजी शुरू करते हुए इसे मनमानी करार दिया.
कांग्रेस नेता भी पहुंचे विरोध करने : ईसाई समाज के लोगों का साथ देने पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने भी प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए मनमानी का आरोप लगाया. कांग्रेस नेताओं का साफतौर पर कहना है कि एक तरफ प्रदेश सरकार भू माफिया पर नकेल कस रही है तो दूसरी तरफ सरकार खुद भूमाफि की तर्ज पर जमीन को जबरन हथिया रही है. इस मामले में एसडीएम ऋषभ जैन का कहना है कि शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन की टीम ने मिशन कंपाउंड की जमीन की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
प्रशासन पर मनमानी का आरोप : भोपाल से आए मध्य प्रदेश राज्य लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों ने भी मिशन कंपाउंड की बेशकीमती जमीन की प्रीबिड के लिए प्रक्रिया पूरी की. इस दौरान प्रशासनिक टीम को चर्च से जुड़े सदस्यों के भारी विरोध का भी सामना करना पड़ा. चर्च से जुड़े सदस्यों का कहना है कि वे दशकों से इसी जमीन पर रह रहे हैं. बावजूद इसके शासन और प्रशासन मनमानी करते हुए उन्हें अब बेदखल करने पर आमादा है.
खरगोन : 50 करोड़ की जमीन मुक्त कराई : मध्यप्रदेश के खरगोन जिले मे महिला को दी गई जमीन की लीज निरस्तीकरण कर दिया गया. 50 करोड़ से अधिक कि जमीन को जिला प्रशासन ने अपने कब्जे मे ले लिया. ये जमीन खरगोन शहर के मध्य में महिला सभा को महिला उत्थान और अनाथ बच्चों की समस्याओ को हल करने के उद्देश्य से 50 वर्ष दी गई थी. कुछ दशक तक तो सब ठीक चला. इसके बाद इस जमीन पर दुकानें निकलकर किराए से उठा दी गईं. एसडीएम ओमनारायण सिंह का कहना है कि लीज निरस्त कर अतिक्रमण हटाया गया है.